आनंदपाल सिंह के शव का अन्तिम संस्कार हुआ

Last Updated 13 Jul 2017 10:30:11 PM IST

पुलिस को चकमा देकर 16 महिनों तक फरार रहने के बाद गत 24 जून को पुलिस मुठभेड में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के पार्थिव शरीर का आज अन्तिम संस्कार उसके पैतृक गांव सावराद में कर दिया गया.


आनंदपाल सिंह के शव का अन्तिम संस्कार हुआ (फाइल फोटो)

राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एनआरके रेड्डी ने पीटीआईभाषा को बताया कि मृतक आनंदपाल सिंह के भतीजे और भांजे ने मुखाग्नि दी. अन्तिम संस्कार के मौके पर मृतक के परिजन और गांव वाले ही थे.

उन्होंने बताया कि आनंदपाल सिंह के परिजनों से आज सुबह से बातचीत की गयी जिसके बाद वे घर में 17 दिन से रखी पार्थिव देह का अन्तिम संस्कार करने को राजी हुए.

उन्होंने बताया कि मृतक आनंदपाल सिंह के परिजनों को मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी आदेश दिया गया था जिसमें शव का अगले चौबीस घंटों में अन्तिम संस्कार करने की बात कही गयी थी. उन्होंने कहा कि सावराद में अभी तनाव है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है.

उन्होंने कहा कि सावराद में लगे कर्फ्यू में आज एक घंटे की ढील दी गयी. ढील के दौरान शान्ति रही और अप्रिय वारदात की कोई सूचना नहीं है. नागौर जिला प्रशासन कल स्थिति की समीक्षा कर कर्फ्यू में ढील देने या हटाने का फैसला करेगा.

इससे पहले आज सुबह गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने आनंदपाल मुठभेड प्रकरण की जांच की सीबीआई से जांच करवाने की मांग को खारिज करते हुए संकेत दे दिये थे कि मानवाधिकार आयोग की ओर से दिये गये आदेश की अनुपालन में परिजनों ने शव का अन्तिम संस्कार चौबीस घंटे में नहीं किया तो सरकार अपने स्तर पर अन्तिम संस्कार करने के लिए आगे बढेगी.

गौरतलब है कि मृतक के परिजन और राजपूत समाज के संगठन पुलिस मुठभेड प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने सहित चार सूत्रीय मांग नहीं माने जाने तक अन्तिम संस्कार से इंकार कर दिया था.

राजपूत समाज संगठन के आह्वान पर कल सावराद में हुंकार रैली आयोजित की गयी. रैली के दौरान हुई हिंसा में हरियाणा निवासी लाल चंद की मौत हो गयी थी और 32 अन्य घायल हो गये थे. सावराद में हिंसा के बाद कल रात बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया था. बीकानेर, चूरू, सीकर में बुधवार शाम से इंटरनेट सेवाएं बंद है.



गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने आज सुबह इस प्रकरण की जांच सीबीआई (केन्द्रीय जांच ब्यूरो) से करवाये जाने की मांग सिरे से खारिज करते हुए मानवाधिकार आयोग के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि चौबीस घंटों के दौरान परिजन अन्तिम संस्कार करे वरना फिर सरकार इस दिशा में आगे बढेगी.

कटारिया के अनुसार सांवराद में कल हुंकार रैली के दौरान हुई हिंसा में गोली चलने से लालचंद की मौत हो गयी और इससे पहले झड़प में चौबीस पुलिसकर्मी समेत 32 लोग घायल हो गए है. घायलों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख, प्रशिक्षु आईपीएस महिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक का अंगरक्षक भी शामिल है. घायलों में से एक पुलिसकर्मी की हालत नाजुक बतायी जाती है.

कटारिया ने कहा कि लोगों ने प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी से दुव्यर्वहार भी किया. इस मामले में अब तक डेढ सौ से दो सौ लोगों को गिरफ्तार किया है.

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिंया ने आनंदपाल सिंह के शव रखे होने के मामले को स्वत: संज्ञान में लेकर राजस्थान सरकार को आगामी चौबीस घंटों के दौरान शव का अन्तिम संस्कार करवाकर रिपोर्ट 20 जुलाई तक पेश करने के आदेश दिया था.

गौरतलब है कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल करीब डेढ साल पहले परबतसर की एक अदालत में पेशी के बाद अजमेर केन्दीय कारागृह जाते समय सुरक्षागार्डो की कथित मिलीभगत से फरार हो गया था. पुलिस की विशेष आपरेशन समूह ने फरार आनंदपाल सिंह गिरोह से जुडे और फरारी काटने में मदद करने वाले करीब साठ से अधिक गुर्गों को गिरफ्तार किया.

एसओजी पुलिस के अनुसार गत 23 जून को आनंदपाल सिंह के दो भाईयों को हरियाणा के एक गांव से दबोचने के बाद उससे मिली जानकारी के बाद 24 जून को उसको घेर कर आत्मसमर्पण करने का दवाब बनाया लेकिन आनंदपाल सिंह ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी और जवाबी कार्वाई में आनंदपाल सिंह ढेर हो गया था.



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