Maratha Reservation Protest: मनोज जरांगे ने कहा- सरकार से बातचीत के लिए तैयार, लेकिन मांगे पूरी होने तक नहीं छोड़ेंगे मुंबई

Last Updated 02 Sep 2025 12:07:41 PM IST

मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अनशन कर रहे आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि वह सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे।


मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में जरांगे का अनशन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी है। उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को राज्य की राजधानी में प्रवेश करने से कोई नहीं रोक सकता।

जरांगे ने मराठा प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की भी अपील की और कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार उनकी आरक्षण की मांग स्वीकार करे और मराठों को कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल एक कृषि प्रधान जाति) के रूप में मान्यता देते हुए एक सरकारी आदेश जारी करे, जिससे कि वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र बन सकें।

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को जरांगे और उनकी टीम को एक नोटिस जारी कर उन्हें जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को कहा। पुलिस का कहना है कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन की शर्तों का उल्लंघन किया है।

इससे पूर्व मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनके समर्थकों से मंगलवार दोपहर तक मुंबई की सभी सड़कें खाली करने और सामान्य स्थिति बहाल करने को कहा है।

आजाद मैदान में अपने आंदोलन के पांचवें दिन 43 वर्षीय आरक्षण कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘मैं सरकार से बातचीत के लिए तैयार हूं।’’

उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘अगर आपने ऐसा किया तो मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं। जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, मैं यहां से नहीं जाऊंगा। अगर आप हमें गिरफ्तार करने या मुंबई से बेदखल करने की कोशिश करेंगे, तो यह आपके लिए ठीक नहीं होगा।’’

जरांगे ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बताना चाहते हैं कि वह मुंबई से बाहर नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि उच्च न्यायालय गरीब मराठों को न्याय देगा। हम उच्च न्यायालय के सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं। 4,000 से 5,000 प्रदर्शनकारी हैं। अगर आप चाहें तो हमें घर दे दें।’’

जरांगे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री फडणवीस उच्च न्यायालय को गलत जानकारी दे रहे हैं और उन्हें ‘‘इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी’’। उन्होंने कहा कि सरकार को एक सरकारी आदेश जारी करना चाहिए जिसमें कहा जाए कि वह मराठों को कुनबी घोषित करने के लिए हैदराबाद और सतारा राजपत्र लागू कर रही है।

जरांगे ने कहा कि ओबीसी समुदाय से जुड़े आरक्षण के लाभों को पात्र मराठों के ‘‘सगे-सोयरे’’ (सगे संबंधियों) तक बढ़ाने वाली अधिसूचना को भी तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
 

भाषा
मुंबई


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