Operation Sindoor: भारत-पाक युद्ध में फ्रंट पर BSF की महिला टीम ने भी संभाला था मोर्चा
Operation Sindoor: अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर एक पाकिस्तानी चौकी के बिल्कुल नजदीक स्थित सीमा चौकी की कमान संभालने वाली सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने जवानों का नेतृत्व करते हुए ‘जीरो लाइन’ के पार शत्रु की तीन अग्रिम चौकियों को मुंहतोड़ जवाब देकर खामोश कर दिया।
![]() |
नेहा के अलावा छह महिला कांस्टेबल अग्रिम सीमा चौकी पर बंदूक थामे थीं और सांबा-आर एस पुरा-अखनूर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार दुश्मन के ठिकानों पर दागी गई हर गोली के साथ उनका ‘जोश’ बढ़ता जा रहा था।
उत्तराखंड में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी नेहा को बीएसएफ का हिस्सा होने और ऑपरेशनंिसदूर के दौरान जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर के परगवाल अग्रिम क्षेत्र में एक सीमा चौकी की कमान संभालने पर गर्व है।
नेहा ने यहां कहा, ‘‘मैं अपने सैनिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकी की कमान संभालते हुए गर्व महसूस करती हूं। यह अखनूर-पर्गवाल क्षेत्र में पाकिस्तानी चौकी से लगभग 150 मीटर की दूरी पर है।’’
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय चौकी की कमान संभालना वाकई बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा, ‘अग्रिम चौकी पर सेवा करना तथा अपनी चौकी से दुश्मन की चौकियों पर सभी उपलब्ध हथियारों के साथ मुंहतोड़ जवाब देना मेरे लिए सम्मान की बात थी।’
नेहा के दादा सेना में सेवारत थे, उनके माता-पिता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में हैं, और वह परिवार में तीसरी पीढी की अधिकारी हैं।
उन्होंने कहा, ‘मेरे दादा सेना में सेवारत थे। मेरे पिता सीआरपीएफ में थे। मेरी मां सीआरपीएफ में हैं। मैं बल में तीसरी पीढी की अधिकारी हूं।’
उन्होंने कहा कि महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं और उन्होंने तीन दिनों तक चले टकारव के दौरान पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे साथ 18 से 19 महिला सीमा रक्षक थीं। छह महिलाएं निगरानी चौकियों पर पर गोलीबारी का जवाब दे रही थीं। हमें उन पर गर्व है।’’
| Tweet![]() |