ममता बनर्जी ने कहा- OBC प्रमाणपत्र पर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार बापी हलधर के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार 2010 के बाद से राज्य में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी। ममता बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना जिले के सागर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गर्मी की छुट्टियों के बाद आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करेगी।
उन्होंने कहा,‘‘ हम ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने संबंधी आदेश को नहीं मानते। हम ग्रीष्म अवकाश के बाद शीर्ष अदालत में अपील करेंगे।’’
कुछ जजों के फैसलों में कोई बुनियादी योग्यता नहीं : ममता बनर्जी
सीएम ममता ने अपने संबोधन में कहा, "हम न्यायालयों और न्यायिक प्रणाली का बहुत सम्मान करते हैं। लेकिन मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि कुछ न्यायाधीशों के फैसले बुनियादी योग्यता नहीं रखते। एक न्यायाधीश ने आरएसएस से अपने जुड़ाव को स्वीकार किया है।"
सीएम ममता की यह टिप्पणी कलकत्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश चित्तरंजन दास के हालिया बयान को लेकर आई है। उन्होंने 20 मई को न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त होने के दिन अपने व्यक्तित्व को आकार देने का श्रेय आरएसएस को दिया था।
सीएम ममता ने पीएम मोदी की इस टिप्पणी के लिए उन पर निशाना भी साधा कि 'उनकी ऊर्जा जैविक नहीं है'। सीएम ने कहा कि अगर उन्हें भगवान ने भेजा है, तो उनके लिए मंदिर में रहना बेहतर है। मैं उस मंदिर के निर्माण की व्यवस्था करूंगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि टीएमसी विपक्षी दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी। पूरी संभावना है कि इंडिया गठबंधन सत्ता में आएगा और हम देश को नेतृत्व देंगे।
इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2010 से कई वर्गों को दिया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा बुधवार को रद्द कर दिया था।
अदालत ने कहा था कि मुसलमानों के 77 वर्गों को पिछड़ा वर्ग श्रेणी की सूची में शामिल करना ‘‘ उनके साथ वोट बैंक की तरह बर्ताव करना है।’’
बनर्जी ने चुनावी रैली में अपने संबोधन में मतदाताओं से आग्रह किया कि वे ‘‘तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा या किसी अन्य पार्टी को एक भी वोट न दें ताकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ केंद्र में सरकार बना सके।’’
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