Manipur Violence : नहीं रुक रही हिंसा, मणिपुर में खाली पड़े दो घरों में आगजनी

Last Updated 03 Aug 2023 09:20:27 AM IST

मणिपुर (Manipur) के इंफाल पश्चिम जिले में बुधवार तड़के अज्ञात लोगों ने एक विशेष समुदाय के दो खाली घरों में आग लगा दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।


मणिपुर में नहीं रुक रही हिंसा, खाली पड़े दो घरों में आगजनी (प्रतिकात्मक चित्र)

उन्होंने बताया कि लंगोल इलाके में हुई घटना में दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि यह घटना इस क्षेत्र में सुरक्षकर्मियों के पाली बदलने के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि इंफाल वेस्ट क्षेत्र मेतई बाहुल्य जिला है जहां से अधिकतर आदिवासी निवासी मई में जातीय ¨हसा शुरू होने के बाद अपने घर छोड़कर चले गए हैं।

अधिकारी बताया कि सेना के जवान खाली पड़े इन घरों की सुरक्षा कर रहे थे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को घरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी थी। अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों ने तब घरों में आग लगाई जब सेना के जवान जा रहे थे और उनकी जगह सुरक्षा का प्रभार संभालने के लिए सीआरपीएफ जवान आ रहे थे।

मणिपुर पुलिस नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी एक अलग प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य में स्थिति अब भी अस्थिर और तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है तथा सुरक्षा बलों ने राज्य के संवेदनशील और सीमावर्ती इलाकों में तलाश अभियान चलाया। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि कोम यूनियन मणिपुर के अध्यक्ष सटरे अहाओ कोम (45) को इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उन पर मंगलवार देर रात चुराचांदपुर जिले के चिंगफेई गांव के पास उग्रवादियों ने हमला किया था। सटरे ने संवाददाताओं से कहा कि उग्रवादियों ने उन पर अरामबाई टेंगोल, मेइती लीपुन और कोकोमी जैसे मेइती निकायों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि एक घंटे बढ़ा दी है।

अब दोनों जिलों में कर्फ्यू में ढील की अवधि सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक है। संबंधित जिलों के जिलाधिकारी कार्यालयों द्वारा जारी अलग-अलग आदेशों के अनुसार, ‘कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आम जनता को दवाओं और खाद्य पदार्थ सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए प्रतिबंध में ढील देने की आवश्यकता है।’

भाषा
इंफाल


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