मणिपुर हिंसा को लेकर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते केंद्र सरकार में बैठे लोग: कांग्रेस

Last Updated 09 May 2023 03:02:35 PM IST

कांग्रेस ने मणिपुर की हालिया हिंसा को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते।


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (फाइल फोटो)

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की एक टिप्पणी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ प्रधान न्यायाधीश ने जो कहा है उसके परिप्रेक्ष्य में मणिपुर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने जो किया है, वह आश्चर्यजनक है।’’

रमेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते।’’

उन्होंने जो खबर साझा की है उसके मुताबिक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा है कि उच्च न्यायालय को अनुसूचित जनजाति की सूची में बदलाव करने के लिए निर्देश देने का अधिकार नहीं है।
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी।

मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

हिंसा के कारण 50 से अधिक लोगों की जान चली गई तथा 23,000 लोगों ने सैन्य छावनियों और राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

उल्लेखनीय है कि जनजातीय लोग 27 मार्च को मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मेइती समुदाय को आरक्षण दिये जाने का विरोध कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए राज्य सरकार को चार हफ्तों के अंदर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश दिया था।

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment