Karnataka Election : खड़गे के बयान पर BJP ने कांग्रेस को घेरा

Last Updated 30 Apr 2023 12:18:53 PM IST

कर्नाटक (Karnataka Assembly Election) में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे BJP और कांग्रेस (Congress) के प्रचार अभियान का स्तर गिरता जा रहा है। लिंगायत समुदाय के प्रमुख नेताओं को नजरअंदाज करने से भाजपा खुद को कमजोर पा रही है, तो अपने नेताओं के हालिया टिप्पणियों के कारण कांग्रेस बैकफुट पर है।


एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो)

'भ्रष्ट' लिंगायत मुख्यमंत्रियों के बारे में कांग्रेस पार्टी के बयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना 'जहरीले सांप' (बाद में वापस ले लिया गया) से (Kharge compared Prime Minister Narendra Modi to a poisonous snake) करने से BJP को कांग्रेस का मुकाबला करने का एक सशक्त हथियार मिल गया है। टिकट से वंचित किए जाने पर प्रमुख लिंगायत नेता व पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार (Jagdish Shettar) और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी (Laxman Savadi) भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए।

विपक्षी नेता सिद्धारमैया (Siddharamaiya) और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) कांग्रेस पर भारी पड़ी है।

भाजपा लंबे समय से सिद्धारमैया पर हमला करने की प्रतीक्षा कर रही थी, क्योंकि वह आरएसएस और हिंदुत्व के जाने माने आलोचक हैं।

गौरतलब है कि सिद्धारमैया पीएम मोदी, अमित शाह पर हमला करने वाले राज्य के एकमात्र नेता हैं और अभी भी किसी भी केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर नहीं आए हैं।

खड़गे ने पीएम मोदी की तुलना जहरीले सांप से करने की अपनी टिप्पणी से सबको चौंका दिया। हालांकि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया और कहा कि यह हिंदुत्व विचारधारा और आरएसएस के एजेंडे के संदर्भ में दिया गया था, लेकन भाजपा को हंगामा करने का मौका मिल गया।

मैसूर जिले के वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धारमैया ने कहा कि लिंगायत मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उन्होंने राज्य को बर्बाद कर दिया है।

हालांकि सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि उनका बयान केवल वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के लिए था, एक विवाद छिड़ गया।

क्या कहा था खड़गे ने मोदी के खिलाफ

खड़गे ने कर्नाटक के गडग जिले के गजेंद्रगढ़ के नरेगल कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जहरीले सांप की तरह हैं। खड़गे ने भीड़ को चेतावनी दी कि यदि आप सांप (मोदी) द्वारा किसी भी प्रस्ताव को चखेंगे, तो आप मर जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि देश के लिए उसका क्या योगदान है।

खड़गे ने कहा, उनके घर के पालतू कुत्ते ने भी देश के लिए अपनी जान नहीं दी है।

भाजपा नेताओं ने खड़गे के बयान के जवाब में क्या कहा

कर्नाटक में आक्रामक अभियान शुरू करने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि पीएम मोदी पर हमला, भाजपा की मदद ही करेगा।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जब एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया, तो उसने उसे अपमानित किया गया। इसने हिंदू धर्म का अपमान करने वालों को स्टार प्रचारक बना दिया था।

उन्होंने कहा, कांग्रेस एसडीपीआई का समर्थन मांगती है, वह पीएफआई के गुंडों को रिहा करने की बात करती है। आज कांग्रेस के नेता फिर से पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं। खड़गे साहब मुझसे बड़े हैं। यह असुरक्षा आपको गरिमा नहीं देती है।

वी.पी. कार्यकर्ता और वरिष्ठ शिक्षाविद् निरंजन आराध्या ने आईएएनएस को बताया कि शुरू से ही, हम जो दावा कर रहे हैं वह यह है कि लोगों से संबंधित किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा रही है।

केवल जाति, धर्म के मामले हो रहे हैं, एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है।

निरंजन आराध्या ने कहा, कहानी में मोड़ यह है कि अब तक आम धारणा थी कि भाजपा मुसलमानों से नफरत करती है। अब, वे समुदायों को तोड़ रहे हैं। उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा के महिमामंडल का प्रयास वोक्कालिगा को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा करने के लिए किया गया था, आरक्षण के कोटे को हटा दिया गया था। मुसलमानों को वोक्कालिगा और लिंगायत के खिलाफ खड़ा करना, गंदी राजनीति है,

उन्होंने कहा, बिल्कुल, कोई नैतिकता और मूल्य-आधारित राजनीति नहीं है। विशेष रूप से संविधान और संवैधानिक मूल्यों के मुद्दे पूरी तरह से अनुपस्थित हैं। जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी के बाहर निकलने के साथ, यह कमोबेश साबित हो गया है कि भाजपा एक ब्राह्मणवादी पार्टी है, जो पूरी तरह से आरएसएस द्वारा नियंत्रित है।

निरंजन आराध्या ने कहा, मुझे लगता है कि कर्नाटक के लोगों को गंभीरता से सोचना चाहिए। बहुलवाद, बहुसंस्कृतिवाद , बहुभाषावाद और अन्य विविधता को चुनौती दी जा रही है और मिटाया जा रहा है। यह निर्णय लेने का सही समय है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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