Arunachal Pradesh question paper leak case : CBI, ED कर रही जांच : मुख्यमंत्री
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Arunachal Pradesh Chief Minister Pema Khandu) ने बुधवार को कहा कि पिछले साल अगस्त में हुए कथित प्रश्नपत्र लीक (question paper leak) की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है।
![]() अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू |
उन्होंने समुदाय आधारित संगठनों (CBO) के प्रतिनिधियों के साथ एक संवाद सत्र के दौरान यह बात कही।
अरुणाचल प्रदेश (Arunachap Pradesh) में पहली बार राज्य सरकार ने बुधवार को अरुणाचल स्वदेशी जनजाति महासंघ (AITF) की छतरी के नीचे सक्रिय राज्य के सीबीओ के प्रतिनिधियों के साथ एक व्यापक संवाद सत्र आयोजित किया।
अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (APPSC) के पेपर लीक विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए खांडू ने साझा किया कि जनता की मांग के अनुसार और राज्य सरकार के अनुरोध पर, सीबीआई और ईडी ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है और स्वतंत्र रूप से मामले की जांच कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले कोई नए नहीं हैं, जैसा कि कई वर्षो से देखा जा रहा है। खांडू ने कहा कि ये आज सुर्खियों में हैं, क्योंकि राज्य सरकार हर मामले से सख्ती से निपट रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच करने के लिए CBI और ED का राज्य में आना खुलेआम घूम रहे सभी भ्रष्टाचारियों के लिए एक बड़ा झटका है।
उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार, ड्रग्स, कानून और व्यवस्था कोई नए मुद्दे नहीं हैं। ये पिछले कई सालों से प्रचलित हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने कभी भी इन्हें रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई नहीं की। हम इन बीमारियों से निपट रहे हैं।
खांडू ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई त्वरित और मजबूत कार्रवाइयों के कारण वास्तव में भ्रष्टाचार और अपराध के मामलों में कमी आई है।
उन्होंने कहा, हालांकि, सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती। सीबीओ और सरकार को इन बुराइयों को दूर करने के लिए एक टीम के रूप में काम करने की जरूरत है।
APPSC के अवर सचिव तुमी गंगकाक का शव हाल ही में ईटानगर चिड़ियाघर रोड ट्राई-जंक्शन के पास एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया था। उन्होंने आयोग में सहायक परीक्षा नियंत्रक के रूप में काम किया था और उन्हें प्रश्नपत्र के कथित लीक के बाद सेवा से निलंबित कर दिया गया था।
पेपर लीक मामले (Paper Leak case) में अब तक 20 नियमित, 20 प्रोबेशन और एक संविदा कर्मचारी समेत 41 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सभी 20 नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
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