देश में पहली बार बच्चे को जन्म देगा ट्रांसजेंडर, केरल का ट्रांसजेंडर युगल अगले महीने अपने पहले बच्चे का करेगा स्वागत
केरल में एक ट्रांसजेंडर दंपति ने घोषणा की है कि वे मार्च में अपने पहले बच्चे का स्वागत करेंगे। देश में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के गर्भधारण का संभवत: यह पहला मामला है।
देश में पहली बार बच्चे को जन्म देगा ट्रांसजेंडर |
पेशे से नर्तकी जिया पावल ने इंस्टाग्राम पर घोषणा की कि उनके पार्टनर जहाद के गर्भ में आठ महीने का शिशु पल रहा है। पावल ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, ‘जहाद के गर्भ में आठ महीने का भ्रूण है.. हमें यह पता चला है कि भारत में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के गर्भधारण का यह पहला मामला है।’
यह युगल बीते तीन साल से साथ रह रहा है और अपना लिंग बदलने के लिए हॉरमोन थेरेपी करा रहा था। हालांकि, जहाद पुरुष बनने वाले थे, लेकिन बच्चे की चाह में उन्होंने इस प्रक्रिया को रोक दिया। पावल ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘ट्रांसजेंडर समुदाय समाज में निरंतर डर के साए में जीता है। हम सभी चिंतित थे कि समाज क्या सोचेगा। ऐसे कई ट्रांसजेंडर लोग हैं, जो माता-पिता बनना चाहते हैं। ऐसे कई ट्रांसजेंडर लोग हैं जिनका गर्भधारण संभव है, लेकिन वे आगे नहीं आ पाते हैं।’’
यह युगल बीते दो दिन से विभिन्न मीडिया घरानों को साक्षात्कार देने में व्यस्त है। उन्होंने लिंग बदलने की प्रक्रिया की दिशा में अपनी यात्रा और गर्भधारण करने के लिए हार्मोन उपचार को रोकने के बारे में बताया। जहाद ने कहा कि उन्होंने कभी गर्भवती होने के बारे में सोचा भी नहीं था।
जहाद ने कहा, ‘‘मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा था। अगर मैंने ऐसा किया होता, तो मैं इस स्तन हटाने की सर्जरी के लिए नहीं जाता।’’
इस जोड़े ने शुरू में बच्चा गोद लेने की योजना बनाई, लेकिन इसमें मुश्किल आई। उन्होंने कहा, ‘‘कानूनी प्रक्रिया हमारे लिए कठिन थी। साथ ही हमें चिंता थी कि हमने जिस बच्चे को पाला और अगर वह हमें छोड़ दे तो हम बिखर जाएंगे। हम समाज के बारे में चिंतित थे कि लोग क्या सोचेंगे।’’
दोनों ने कहा कि सार्वजनिक रूप से इसके बारे में पोस्ट करने के बाद उन्हें समाज से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि कई नकारात्मक टिप्पणियां भी आई हैं, लेकिन हम केवल सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’ कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने दंपति का पूरा सहयोग किया है और आस्त किया है कि अस्पताल में रहने के दौरान बच्चे को ‘दुग्ध बैंक’ से मां का दूध उपलब्ध कराया जाएगा।
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