कलकत्ता एचसी ने बंगाल के मुख्य सचिव, वित्त सचिव को अवमानना की चेतावनी दी

Last Updated 22 Sep 2022 06:48:44 PM IST

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी और राज्य के वित्त सचिव मनोज पंत को हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।


कलकत्ता उच्च न्यायालय

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन महीने के भीतर कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (डीए) बकाया राशि के भुगतान के निर्देश भी दिए। इससे पहले गुरुवार को, न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने राज्य सरकार की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर कर्मचारियों को लंबित डीए बकाया को हटाने का निर्देश देने वाले अपने 20 मई के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी।

इससे पहले कि राज्य सरकार इस झटके का सामना कर पाती, राज्य सरकार के कर्मचारियों के परिसंघ द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ उसी पीठ के समक्ष दायर अदालत की अवमानना याचिका में दोपहर को एक और झटका लगा। दरअसल, अवधि की समाप्ति के बाद डीए नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट में अवमानना का मामला दायर किया गया था। लेकिन एक बार फिर हाईकोर्ट का फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आया है। राज्य सरकार को जल्द से जल्द डीए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

अवमानना याचिका पर, न्यायमूर्ति टंडन और न्यायमूर्ति सामंत की खंडपीठ ने द्विवेदी और पंत को 4 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। और कहा, उन्हें अदालत की अवमानना का सामना क्यों नहीं करना चाहिए वहीं अगली सुनवाई 9 नवंबर को तय कि गई है। इस बीच, राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के गुरुवार के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच, राज्य सरकार के कर्मचारियों के परिसंघ ने भी राज्य सरकार द्वारा दायर किसी भी मामले में उसे पक्षकार बनाने के लिए शीर्ष अदालत में एक कैविएट दायर किया।

कन्फेडरेशन के अध्यक्ष श्यामल कुमार ने कहा, शुरूआत से ही राज्य सरकार की मुख्य मंशा यह है कि डीए बकाया भुगतान में देरी कैसे की जाए। उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का अधिकार है। लेकिन हम इस मामले में अंत तक लड़ने के लिए भी तैयार हैं।

आईएएनएस
कोलकाता


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