अलग गुरुद्वारा प्रबंधन समिति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 'पंथ' पर हमला : सुखबीर

Last Updated 20 Sep 2022 07:45:43 PM IST

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 की वैधता को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'पंथ पर हमला' करार दिया और दावा किया कि इससे दुनिया भर में समुदाय के बीच आक्रोश गहरा धक्का लगा है।


शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए शिअद अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक अंतरराज्यीय निकाय एसजीपीसी को राज्य के एक कानून को मान्यता देकर विभाजित किया गया है, हालांकि इस मुद्दे पर कानून बनाने की शक्ति केंद्र के पास सुरक्षित है।

बादल ने कहा कि कांग्रेस दशकों से अकाली दल के साथ-साथ सिख संस्थानों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और हरियाणा में गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए एक अलग निकाय बनाने वाला 2014 का अधिनियम इसी रणनीति का हिस्सा था।

उन्होंने कहा कि यह भी उतना ही निंदनीय है कि अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस मामले में शीर्ष अदालत में एसजीपीसी विरोधी रुख अपनाया। आखिरी कील भगवंत सिंह मान सरकार ने ठोकी, जिसके महाधिवक्ता ने मामले में एसजीपीसी के खिलाफ लिखित दलील दी थी।"

यह कहते हुए कि शिअद 100 साल पुराने अधिनियम के साथ छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगा, बादल ने कहा कि पार्टी ने अगले कदम पर फैसला करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है जिसमें कानूनी सहारा शामिल हो सकता है।

उन्होंने सभी 'पंथिक' संगठनों से सिख समुदाय को विभाजित करने और छद्म द्वारा शासन करने के लिए सिख विरोधी ताकतों के मंसूबों को हराने के लिए एकजुट होने की अपील की।

बादल ने कहा कि देश ने पहले देखा है कि कैसे निर्वाचित दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की प्रकृति को रातोंरात बदल दिया गया और इसे अपने कब्जे में ले लिया गया।

आईएएनएस
चंडीगढ़


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