घाटी में बेचे जा रहे कोरोना में अनाथ हुए बच्चे

Last Updated 03 Dec 2021 03:30:36 AM IST

अभी तक घर से भागे, अस्पतालों से चुराए गए अथवा अपहृत किए गए बच्चों की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं।


घाटी में बेचे जा रहे कोरोना में अनाथ हुए बच्चे (symbolic picture)

लेकिन अब घाटी में कोरोना के कारण अपने मां-बाप को खो चुके, यतीम हुए मासूम बच्चों को बेचने का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। इन मासूम अथवा नवजात बच्चों को घाटी के अस्पतालों से उठाया गया अथवा उन्हें परवरिश के नाम पर गोद लिया गया। बाद में उनका अमानवीय अवैध कारोबार किया गया। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जांच के दृष्टिकोण से अभी उनकी पहचान उजागर नहीं की जा रही है।

दरअसल इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस गोरखधंधे का खुलासा इसके कारोबारी के एक कथित ग्राहक से बातचीत का वीडियो रिकॉर्ड होने के बाद हुआ। इस मामले में जिला पुलवामा के पंपोंर स्थित एनजीओ ‘ग्लोबल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट’ कटघरे में आया है। इसके संचालक घाटी से बाहर कश्मीर के खूबसूरत बच्चों की खरीद-फरोख्त का नाजायज धंधा करते वीडियो में कैद हुए हैं। इस खुलासे के बाद कश्मीर पुलिस सक्रिय हो गई है।

बृहस्पतिवार को एनजीओ के दफ्तर पर पुलिस तथा तहसील के अफसरों ने छापा मारा। वहां से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए और फिर इस ट्रस्ट का दफ्तर सील कर दिया गया है। मासूम बच्चों के इस अवैध कारोबार में घाटी के कुछ और एनजीओ भी संलिप्त हो सकते हैं। इस प्रकार के ट्रस्ट बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए उन्हें गोद लेते हैं। बाद में इन्हें अपने एजेंटों के जरिए देशभर में भेजने की कोशिश करते हैं। इनमें अभागे बच्चे और बच्चियां दोनों होती हैं।

इस चौकानेवाले अवैध कारोबार की जानकारी मिलने के बाद प्रदेश शासन की ओर से न केवल एफआईआर दर्ज की गई है। बल्कि जम्मू तथा घाटी के लिए दो अलग अलग फैक्ट फाइंडिंग कमेटियां भी बनाई गई हैं। इस प्रकार मासूम बच्चों के गलत हाथ में पढ़ने की हमेशा आशंका बनी रहती है।

लेकिन आशंका उस वक्त सही साबित हुई जब एक कथित खरीदार ने कश्मीर और दिल्ली में कुछ एनजीओ संचालकों का स्टिंग ऑपरेशन किया। इसमें एनजीओ के एक शख्स कोरोना के कारण अपने मां-बाप खो चुके यतीम खूबसूरती बच्चों के अवैध रूप से गोद दिलाने के बदले मोटी रकम की मांग कर रहे हैं। बातचीत में ही इस एनजीओ का नाम सामने आया है। बातचीत के दौरान इन मासूम बच्चों की कीमत 75 हजार रुपये कही गई। एनजीओ का एक शख्स दिल्ली में एक जगह यह सब बातचीत कर रहा है।

मासूम यतीम बच्चों की खरीद-फरोख्त का मामला शासन के संज्ञान में आते ही प्रदेश के समाज कल्याण विभाग की निर्देशिका शीतल नंदा ने कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार के नोटिस में लाते हुए इस मामले में दोषियों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। जम्मू-कश्मीर की एकीकृत शिशु संरक्षण योजना के मिशन निदेशक शबनम कामली ने शिशु कल्याण समिति को प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए सभी बच्चों से निजी तौर पर मुलाकात कर उनकी मौजूदा स्थिति से निदेशालय को फौरी तौर पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।

सतीश वर्मा/सहारा न्यूज ब्यूरो
जम्मू


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