दुर्गा का रूप धारण करने पर नुसरत जहां फिर से कट्टरपंथियों के निशाने पर
तृणमूल कांग्रेस सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां का देवी दुर्गा का रूप धारण कर अपने प्रशंसकों को महालया की शुभकामनाएं देना देवबंद में इस्लामिक मदरसा, दारुल उलूम को रास नहीं आया और उन्होंने अभिनेत्री को अपने इस कार्य के लिए माफी मांगने को कहा है।
अभिनेत्री नुसरत जहां(फाइल फोटो) |
देवबंद के इस्लामिक विद्वान मौलाना इशाक गोरा ने कहा, "नुसरत जहां को इस तरह की चीजें करना पसंद है। वह हमेशा विवादों में रहती है। इस्लाम में इन चीजों की मनाही है, लेकिन वह ऐसा कर रही है। लोग अक्सर उसके काम से नाराज होते हैं। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से गलत है। उसे माफी मांगनी चाहिए।"
देवबंद के एक अन्य मौलाना असद कासमी ने भी अभिनेत्री की आलोचना की। उन्होंने कहा, "यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। उसे अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए।"
अभिनेत्री व सांसद नुसरत जहां ने मंगलवार को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी क्योंकि उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने दुर्गा अवतार की तस्वीर पोस्ट की थी, उसके लिए उन्हें कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली थी। गौरतलब है कि अभिनेत्री ने अपने फॉलोवर्स को 'शुभो महालया' की शुभकामना देते हुए अपनी तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह देवी दुर्गा के पारंपरिक पोशाक में नजर आ रही थी।
Subho Mahalaya! #Mahalaya2020 pic.twitter.com/1AbeXTpJie
— Nusrat Jahan Ruhi (@nusratchirps) September 17, 2020
उन्होंने विदेश मंत्रालय और बंगाल सरकार को भी इस बारे में सचेत किया है।
नुसरत वर्तमान में एक बंगाली फिल्म की शूटिंग के लिए लंदन में हैं और अगले 15 दिनों तक उनके वहां रहने की उम्मीद है।
उन्होंने लिखा, "मेरे लंदन में ठहरने के दौरान मुझे तत्काल पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता है, क्योंकि यह धमकी बहुत गंभीर है और मेरे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। कृपया मुझे लंदन में आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करें।"
यह पहली बार नहीं है, जब अभिनेत्री को कट्टरपंथियों के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। पिछले साल शादी के बाद उनके सिंदूर लगाने और दुर्गा पूजा उत्सव में भाग लेने पर भी उनकी आलोचना की गई थी।
दारुल उलूम देवबंद के मु़फ्ती आजाद वजमी ने उनके हिंदू परंपराओं को अपनाने को लेकर खूब आलोचना की थी और उनके धर्म से बाहर शादी करने और 'मंगलसूत्र' और 'सिंदूर' जैसे हिंदू विवाह के प्रतीक को अपनाने के लिए उनके खिलाफ फतवा जारी किया था।
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