कोरोना वायरस: निजामुद्दीन से लौटे लोगों की पहचान करना तेलंगाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती

Last Updated 31 Mar 2020 02:05:20 PM IST

कोरोना वायरस के कारण छह लोगों की मौत के बाद तेलंगाना में अधिकारियों ने मंगलवार को एक गहन अभियान शुरू किया।


चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी से लौटे व्यक्तियों और उनके संपर्कों का पता लगाने के लिए सभी जिलों को सतर्क कर दिया है।

धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वालों की वापसी के बाद 10 दिनों से अधिक समय बीत चुका है। अब अधिकारियों के सामने उन सभी लोगों की पहचान करने की चुनौती है, जो उनके संपर्क में आए थे।

विभाग ने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मरकज की बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों को संबंधित अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा है। सरकार ने उन्हें यह आश्वासन भी दिया कि वह उनका परीक्षण और मुफ्त इलाज की सुविधा भी मुहैया कराएगी।

विभाग ने कहा कि बैठक में भाग लेने वालों के बारे में जानकारी रखने वाले को सरकार को सतर्क करना चाहिए।

13 से 15 मार्च तक हुई बैठक में भाग लेने वाले लोग 17 और 18 मार्च के बीच हैदराबाद, निजामाबाद और अन्य जिलों में लौट आए थे। निजामुद्दीन मरकज एक ऐसी जगह है, जहां पूरे साल कई राज्यों और विदेशों से लोग आते हैं और रहते हैं। यहां इज्तिमा का आयोजन 21 दिनों के लॉकडाउन से ठीक पहले किया गया था, जिसमें महामारी के प्रकोप के बीच हजारों लोगों की उपस्थिति देखी गई।

इसमें भाग लेने वाले लोगों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार रात एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि केवल कोठागुडेम में ही 200 से 300 लोग दिल्ली से आए थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों की पहचान करके एकांतवास में रखा गया है।
 

आईएएनएस
हैदराबाद


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