कश्मीर में सुरक्षा चाक-चौबंद

Last Updated 23 Jan 2018 05:09:44 AM IST

गणतंत्र दिवस के मौके पर जैश-ए-मोहम्मद व अन्य आंतकी संगठन ‘अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल आयल‘ (एएनएफओ) बम का इस्तेमाल कर सकते हैं.


कश्मीर में सुरक्षा चाक-चौबंद

इस प्रकार के अपुष्ट खुफिया इनपुटस के बाद सूबे में सुरक्षाबलों व पुलिस चौकस हो गई है. एएनएफओ आईईडी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.

उतरी कश्मीर के सोपोर, बारामुला में इस साल के षुरू में हुए आईईडी विस्फोट में राज्य पुलिस के चार जवानों की शहादत हुई थी. जिसके बाद जांच में पता चला कि आतंकी संगठन अब फिर से सुरक्षाबलों पर आईईडी से हमले कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि पुलिस को इस बात की बावत चौकसी बरतने को कहा गया है कि अब जैश-ए-मोहम्मद जैसे खतरनाक आंतकी संगठन एएनएफओ आईईडी का इस्तेमाल कर सकते हैं, चूंकि इस आईईडी के विस्फोट का दायरा बड़ा होता है.

बताया गया कि इस रसायन आईईडी का इस्तेमाल आईएस के आतंकी भी कर रहें हैं बल्कि अमेरिका में हुए कुछ हमलों में इसका इस्तेमाल पता चला. सूत्रों का कहना है कि एएनएफओ आईईडी घर में निर्मित होने वाला विस्फोटक है. इसलिए आंतकी इसे अपने खुफिया ठिकानों पर तैयार करके सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए निर्धारित जगह पर लगा देते हैं. जिसके बाद इसका विस्फोट होता है. इसकी जद में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं.

अभी तक आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तय्यवा तथा हिजबुल मुजाहिदीन आदि आईईडी निर्माण में आरडीएक्स का इस्तेमाल करते रहें हैं. लेकिन चूंकि अमोनियम नाइट्रेट को उपलब्ध करने में बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं आती. इसलिए आंतकी अब इसमें फ्यूल आयल का इस्तेमाल कर आईईडी बना लेते हैं. सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार की भी खूफिया जानकारी है कि आतंकियों द्वारा अमोनियम नाइट्रेट को भारी तदाद में चुरा लिया गया है, लेकिन जिस स्थान से यह चोरी किया गया, वह स्थान बेहद गोपनीय रखा गया है.

बताया गया यूरोप में अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन अमेरिका में इस 80 फीसदी इस्तेमाल किया जाता है. मई सन् 2011 में अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर में एक क्रूर बम मिला था, जिसमें इसके इस्तेमाल का पता चला था. हालांकि अपुष्ट जानकारी के मुताबिक सितम्बर 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुई आईईडी विस्फोट में भी एएनएफओ का इस्तेमाल हुआ था. मालूम हो कि इस धमाके में 17 लोगों की मौत और काफी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे.

सूत्रों का कहना है कि एएनएफओ आईईडी विस्फोट की मार काफी दूर तक होती हैं. अलबत्ता, इस संबध में सूबे की पुलिस के अलावा सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षाबलों को आंतकियों की हमला करने की इस नई रणनीति को लेकर बेहद चौकसी बरतने को कहा गया है. चूंकि गणतंत्र दिवस का अवसर है, इसलिए सुरक्षाबल आंतकी हमलों की आशंका के मद्देनजर काफी कड़ी चौकसी बरत रहे हैं.

सतीश वर्मा
सहारा न्यूज ब्यूरो


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