सेना के अभियान से घाटी के राजनीतिक दलों में बेचैनी
घाटी में आतंकियों के सफाए को लेकर जारी सेना व सुरक्षाबलों के कामयाब अभियान से घाटी आधारित राजनीतिक दलों में खासी बौखलाहट दिखाई दे रही है.
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (file photo) |
जिसका एक नमूना सोमवार को जम्मू में जारी विधानसभा सत्र में दिखाई दिया. सदन की कार्यवाही शुरू होते प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर ने सेना द्वारा श्रीनगर में चलाए जा रहे तलाशी अभियान पर खासा हंगामा खड़ा किया और फिर वह तथा उनके अन्य सदस्य साथी विधानसभा से वाकआउट कर गए. उन्होंने आरोप लगाया कि क्या मध्य कश्मीर यानी श्रीनगर तथा उत्तरी कश्मीर को भी सुरक्षाबल अपने तलाशी अभियानों के कारण दक्षिण कश्मीर जैसी स्थिति बनाना चाहते हैं.
सेना तथा आतंकियों को लेकर गत दिनों शोपियां के वाची से पीडीपी विधायक एजाज अहमद मीर मारे गए आतंकियों को ‘शहीद‘ कह चुके हैं. मीर के उक्त बयान के बाद उन्हीं की पार्टी पीडीपी के सूबे की गठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री अलताफ बुखारी सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को लेकर आपत्तिजनक व्यान दे चुके हैं. जनरल बिपिन रावत ने गत दिनों गुरूग्राम में आयोजित सुरक्षाबलों के कार्यक्रम में नक्शे को लेकर जम्मू-कश्मीर में बच्चों को अलग पाठ पढ़ाए जाने का जिक्र किया था. जिसपर शिक्षामंत्री अल्ताफ बुखारी ने सेना प्रमुख पर कड़ी टिप्पणी कर दी थी. इससे पूर्व भी घाटी आधारित पीडीपी नेताओं द्वारा आपत्तिजनक बयान दिए जाते रहें हैं. लेकिन दुखद पहलू यह है कि सत्ता में बैठी पीडीपी की गठबंधन सहयोगी भाजपा के मंत्री मूकदर्शक बने हुए हैं.
गौरतलब है सोमवार सुबह जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही षुरू हुई तो विपक्षी बैंचों से नेशनल कांफ्रेंस के खनियार से विधायक अली मोहम्मद सागर ने हंगामे के साथ सेना को लेकर आपत्तिजनक बात कहनी शुरू कर दी. हैरत की बात यह है कि सोमवार को सेना दिवस है और भारतीय जवानों ने उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में घुसपैठ कर रहे पांच आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. बताया गया, यह पांचों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के थे.
सेना की इस भारी कामयावी पर विधानसभा सत्र में तारीफ किए जाने की बजाए विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के सदस्यों ने सेना के खिलाफ ही भाषणबाजी शुरू कर दी. फिर बाद में यह सभी विपक्षी नेकां सदस्य सदन से वाकआउट कर गए. नेकां सदस्यों ने घाटी में जारी सुरक्षाबलों के तलाशी अभियान पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान की मांग की थी. पीडीपी नेताओं द्वारा दिए जा रहे लगातार सुरक्षाबल विरोधी बयानों का विपक्षी कांग्रेस तथा पैथर्स पार्टी द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है. वहीं यह दोनों दल भाजपा से भी सवाल कर रहे हैं कि ऐसी स्थिति में वह रहस्यमय चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, क्या सत्ता की खातिर हर स्थिति से समझौता कर लिया है.
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