मोदी का सिब्बल से सवाल: बाबरी प्रकरण में आप हैं किस तरफ, साफ करें
कालोल (गुजरात) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कपिल सिब्बल से और उनके नये नेता से इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा कि वे मंदिर के समर्थकों के पक्ष में हैं या बाबरी मस्जिद के समर्थकों के पक्ष में.
गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित करते हुए. |
कालोल (गुजरात) में कपिल सिब्बल की इस मांग पर कि रामजन्मभूमि मामले की सुनवाई टाल दी जाए, उन पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे और उनके नये नेता से इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा कि वे मंदिर के समर्थकों के पक्ष में हैं या बाबरी मस्जिद के समर्थकों के पक्ष में.
मोदी ने कहा, कांग्रेस ने अब तक जो कुछ किया है, वह अटकाना, लटकाना और भटकाना है. वे या तो चीजों को बाधित कर देते हैं या मुद्दा लटकाये रखते हैं या ध्यान बंटाने का प्रयास करते हैं.
उन्होंने कहा कि यानी कांग्रेस को लोगों की समस्याओं का हल करने में दिलचस्पी नहीं है.
मोदी ने कहा, राममंदिर का मुद्दा उन्नीसवीं सदी से लंबित है. उन्नीसवीं सदी चली गयी, बीसवीं सदी चली गयी और इक्कीसवीं सदी के कई साल गुजर गये हैं. अब जब यह मामला अंतिम सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय में आया है तब एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जो वकील भी हैं, कहते हैं कि इसे 2019 चुनाव तक टाला जाए.
मोदी ने कहा, देखिए, यह वह तरीका है कि उन्होंने कैसे काम किया है, यानी अटकाना, लटकाना और भटकाना. पिछले 70 साल में उन्होंने बस चुनाव को ध्यान में रखकर काम किया है.
उन्होंने कहा, अब पूरा देश इस मुद्दे का समाधान चाहता है, सुन्नी वक्फ बोर्ड, शिया वक्फ बोर्ड, राम मंदिर के प्रतिनिधि सभी शीघ फैसला चाहते हैं. फैसला चाहे जैसा हो, सभी चाहते हैं कि अदालत इस मामले की तेजी से सुनवाई करे और फैसला दे.
सिब्बल का परोक्ष जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता मेरे सवालों का जवाब देने के बजाय कह रहे हैं कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील नहीं हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा, जवाब दीजिए, क्या आप उन लोगों के साथ हैं जो राममंदिर का निर्माण चाहते हैं या उन लोगों के साथ जो बाबरी मस्जिद के पक्ष में हैं. यदि आप जवाब नहीं दे सकते तो आप अपने नये नेता को जवाब देने के लिए कहिए कि आप किस तरफ हैं.
| Tweet |