हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: सभी 68 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर के आसार
हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में पर्वतीय इलाकों और घाटियों में कड़ी चुनावी टक्कर के आसार हैं. राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा के बीच जोरदार मुकाबले की संभावना है.
हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर (फाइल फोटो) |
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राज्य सरकार के 10 मंत्री, आठ संसदीय सचिव, डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन अन्य मंत्री चुनावी अखाड़े में हैं.
विधानसभा के स्पीकर बी बी एल बुटैल ने अपने बेटे आशीष कुमार को पालमपुर सीट से चुनाव लड़ाने के लिए अपनी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है जबकि राज्य सरकार की वरिष्ठतम मंत्री विद्या स्टोक्स के नामांकन-पत्र खारिज कर दिए गए.
हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में अभी कांग्रेस के 35 जबकि भाजपा के 28 विधायक हैं. इनके अलावा, चार निर्दलीय विधायक हैं जबकि एक सीट खाली है.
चार निर्दलीय विधायकों में से कर्णेश जंग और पवन काजल को क्र मश: पांवटा साहिब और कांगड़ा विधानसभा सीटों से कांग्रेस ने टिकट दिया है जबकि भाजपा ने चौपाल से बलबीर वर्मा को टिकट दिया है.
इंदोरा सीट से निर्दलीय के तौर पर जीते मनोहर धीमान को भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया और वह चुनावी रेस में नहीं हैं.
अर्की से दो बार विधायक रहे गोविंद शर्मा और चंबा से दो बार विधायक रहे बी.के. चौहान, झंडुट्टा से पांच बार विधायक रहे वरिष्ठ भाजपा नेता रिखी रण कौंडल और इस साल अप्रैल में भोरंज से उप-चुनाव जीत चुके अनिल धीमान को भाजपा ने टिकट नहीं दिया.
बी के चौहान चंबा से बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं.
भाजपा ने छह महिला उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर सहित तीन महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. विप्लव डेहरा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
हिमाचल विधानसभा चुनाव में कुल 19 महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
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