Bird Flue: दिल्ली चिड़ियाघर में निगरानी एवं जैव-सुरक्षा संबंधी कदमों को किया गया पुख्ता

Last Updated 01 Sep 2025 02:00:54 PM IST

‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ या ‘बर्ड फ्लू’ के संक्रमण के कारण 12 पक्षियों की मौत होने के बाद राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में निगरानी एवं जैव सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।


दिल्ली चिड़ियाघर में निगरानी एवं जैव-सुरक्षा संबंधी कदमों को किया गया पुख्ता

अधिकारी ने बताया कि निगरानी दल दिन में दो बार परिसर का सर्वेक्षण कर रहे हैं और अन्य दल प्रवासी पक्षियों के बाड़ों, तालाबों और चारागाहों की सफाई कर रहे हैं एवं उन्हें कीटाणुमुक्त करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जानवरों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर संरक्षकों एवं सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर रखी जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों को दस्ताने, मास्क, सुरक्षात्मक सूट और जूतों के कवर उपलब्ध कराए गए हैं।

उपचार के लिए तीन ‘पेंटेड स्टॉर्क’ (ढोक) और काली गर्दन वाले एक ‘आइबिस’ पक्षी को पृथक रखा गया है और उन पर नजर रखी जा रही है।

रविवार तक छह ‘पेंटेड स्टॉर्क’ और काली गर्दन वाले दो आइबिस पक्षियों की जलीय पक्षीशाला में मौत हो चुकी थी जबकि चार प्रवासी ‘पेंटेड स्टॉर्क’ तालाबों में मारे गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि दो ‘पेंटेड स्टॉर्क’ और दो आइबिस के नमूनों में एच5एन1 वायरस पाया गया।

चिड़ियाघर के एक बयान के अनुसार, काली गर्दन वाले दो आइबिस की पिछले बृहस्पतिवार को मौत हो गई थी और उनके नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी), भोपाल भेजे गए थे।

रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई कि वे एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित थे।

शुक्रवार को पेंटेड स्टॉर्क में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद चिड़ियाघर के अधिकारियों ने परिसर को जनता के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया।

भाषा
नई दिल्ली


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