Delhi Crime: जहांगीरपुरी को अपराध मुक्त बनाने में जुटी पुलिस
नई दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके को अपराध मुक्त बनाने के लिए दिल्ली पुलिस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस इलाके में अपराध इस हद तक बढ़ा हुआ है, जिस पर काबू पाना आसान नहीं है, फिर भी पुलिस ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
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तो आईए आपको बताते हैं कि जहांगीरपुरी इलाके में दिल्ली पुलिस यहां पर किस तरह की चुनौतियां का सामना करती है, कैसे पुलिस और पब्लिक मिलकर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए काम कर रहे हैं और किस तरह इस साझेदारी को और मजबूत करके इलाके को अपराध मुक्त बनाया जा सकता है।
आपको बता दें कि इस इलाके में पुलिस को मोबाइल चोरी, चेन स्नेचिंग, घरों में चोरियां और ड्रग्स सप्लाई को कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
यहां पर अपराध को रोकने के लिए डीसीपी भीष्म सिंह के विजन को ध्यान में रखते हुए एसीपी योगेंद्र सिंह खोखर के सुपरविजन में जहांगीरपुरी थाना एसएचओ सतविंदर सिंह, इंस्पेक्टर सोमिल शर्मा, नेतराम और थाने का स्टाफ औचक निरीक्षण के जरिए लगातार एक्शन ले रहे हैं।
यही वजह है कि डिजिटल फुट प्रिंट से लेकर लोकल इंटेलिजेंस की मदद से अपराधियों का बच पाना मुश्किल हो गया है।
इलाके की 1700 CCTV कैमरों से निगरानी
इलाके के डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक जहांगीरपुरी में करीब 1700 सीसीटीवी कैमरे पुलिस और प्राइवेट लगे हुए हैं। इससे अपराध पर काबू पाने में न सिर्फ मदद मिलती है, बल्कि की घटना की असलियत का भी पता चलता है। थाने का पूरा स्टाफ एरिया को अपराध मुक्त बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। इसके अलावा लोकल लेवल पर छोटी-छोटी पब्लिक मीटिंगें की जाती हैं और लोगों के सुझाव भी लिए जाते हैं। जिससे स्थानीय लोग पुलिस प्रशासन के कार्य की सराहना कर रहे हैं।
एचओ सतविंदर सिंह ने स्टाफ मदद से जगह-जगह का सर्वे कराया है। सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन और मूवमेंट चेक कराई गई है। इसके बाद पुलिस की सभी गाड़ियों का अलग से रूट मैप तैयार किया, जिससे सरप्राइज चैकिंग चलती रहे।
मैपिंग के आधार पर पुलिस ने छोटे-छोटे हिस्सों में बाइक पेट्रोलिंग स्टाफ को गश्त पर लगाया, ताकि कम समय में रिस्पांस मिले। यहां ज्यादातर मिडिल, लोअर मिडिल और लोअर क्लास के लोगों की संख्या ज्यादा है। इस इलाके में लोगों को अक्सर चेन स्नैचिंग और गाड़ी चोरी की वारदातों से शिकायत थीं। इसे काफी हद तक कंट्रोल कर भी लिया गया है।
एंटी ड्रम्स ड्राइव
क्राइम की रोकथाम के लिए नॉर्थ वेस्ट जिले में कई सारी स्कीम चल रही है, लेकिन जहागीरपुरी में सबसे ज्यादा असर एंटी ड्रम्स ड्राइव का है।
थाने और बीट स्टाफ ने जनता की जागरुकता से आवासीय सेक्टरों को पूरी तरह से नेबरहुड स्कीम के तहत ला दिया है। पुलिस ने एंटी ड्रग्स ड्राइव के तहत 40 केस दर्ज किए।
स्कूल छोड़ चुके बच्चों का एडमिशन भी करा रही है पुलिस
वहीं, डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक स्कूल छोड़ चुके और अनपढ़ बच्चे गलत रास्ते पर न जाएं, इसके लिए पुलिस जरूरतमंद बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी करा रही है।
इसी तरह घनी आबादी वाले और क्लस्टर एरिया में ड्रग्स के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एंटी ड्रम्स ड्राइव अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किए जाते रहते है।
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