खुले में बिजली के लटकते तारों से दिल्ली को मिलेगी मुक्ति: सीएम रेखा गुप्ता
राजधानी के लोगों को बिजली के खुले में लटकते तारों से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 100 करोड़ के बजट का आवंटन किया है। इसके पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत उन्होंने शनिवार को अपने विधानसभा क्षेत्र शालीमारबाग से की।
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इसके साथ ही नालियों, गलियों एवं एक चौपाल के निर्माण की योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कनिष्का अपार्टमेंट के सी और डी ब्लॉक में 23.48 लाख की लागत से बनने वाली चारदीवारी का भी शुभारंभ किया। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री आशीष सूद मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में स्मार्ट बिजली नेटवर्क तैयार किया जाएगा। राजधानी में बिजली के तारों को भूमिगत करने की योजना है। इसके लिए फिलहाल 100 करोड़ की घोषणा की गई है। बिजली के तारों में भूमिगत करने से दिल्ली की छवि सुधरेगी और लोगों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह केवल एक शुरु आत है, हमारी सरकार की योजना है कि इस पायलट प्रोजेक्ट को दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि स्र्माट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। यमुना सफाई अभियान हो, नहरों पर सड़कों का निर्माण हो या फिर आधुनिक नगरीय व्यवस्था के तहत दिल्ली को एक स्वच्छ, सुंदर और टिकाऊ राजधानी के रूप गढ़ने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने शालीमार बाग क्षेत्र में चल रहे विकास कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार राजधानी के प्रत्येक हिस्से में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।
बीएच (पूर्व) शालीमार बाग में 10 लाख रुपए की लागत से नालियों का निर्माण चल जा रहा है। उन्होंने विधानसभा के सहीपुर गांव में नई सीवर लाइन बिछाने के काम का निरीक्षण किया। इसकी अनुमानित लागत 10 लाख रुपए है।
इसके साथ ही सहीपुर में करीब 10 लाख रुपए की लागत से एक नई चौपाल पर आरोग्य मंदिर प्रस्तावित है। इसके साथ ही 25 लाख रु पए की लागत से नालियां बनाने का काम चल रहा है। गांव के पार्क की चारदीवारी का काम भी चल रहा है।
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