प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बातचीत की तथा ईरान एवं इजराइल के बीच संघर्ष को लेकर भारत की ओर से ‘‘गहरी चिंता’’ जतायी और तनाव को ‘‘संवाद एवं कूटनीति’’ के माध्यम से तत्काल कम करने की अपील की।

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प्रधानमंत्री मोदी और ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान के बीच फोन पर यह बातचीत ईरान के तीन परमाणु स्थलों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिका द्वारा बमबारी किए जाने के कुछ ही घंटे बाद हुई।
इसके साथ ही इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है।
मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने हाल में तनाव बढ़ने पर ‘‘गहरी चिंता’’ जतायी और इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय शांति की शीघ्र बहाली वार्ता और कूटनीति से ही हो सकती है।
मोदी ने कहा, ‘‘हमने मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। हाल में तनाव बढ़ने पर गहरी चिंता जतायी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने तनाव तत्काल कम करने की अपनी अपील दोहरायी तथा यह भी कि संवाद और कूटनीति के जरिये ही क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बहाली हो सकती है।’’
ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले से व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं उत्पन्न हो गई हैं। इसके बाद कई प्रमुख देशों और गुटों ने संयम बरतने का आह्वान किया है।
अमेरिकी बी-2 बमवर्षकों द्वारा ईरानी स्थलों पर हमला करने के तुरंत बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्रों को ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।’’
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि अमेरिका ने ईरान के "शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों" पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि का "गंभीर उल्लंघन" किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज सुबह की घटनाएं अत्यधिक अनुचित हैं और इसके दीर्घकालिक परिणाम होंगे। संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को इस बेहद खतरनाक, गैर कानूनी और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए।"
उन्होंने एक बयान में कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है।
सत्ताईस देशों के यूरोपीय संघ ने सभी पक्षों से बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया।
यूरोपीय संघ की विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की उच्च प्रतिनिधि काया कैलास ने कहा, ‘‘मैं सभी पक्षों से अपील करती हूं कि वे बातचीत की मेज पर लौटें और आगे किसी भी तरह की तनावपूर्ण स्थिति को रोकें।’’
यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री सोमवार को स्थिति पर चर्चा करेंगे।
ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने भी शांति की अपील की है।
हालांकि, चीन और रूस ने अभी तक अमेरिकी बमबारी से उत्पन्न स्थिति पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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