भारत तभी पाकिस्तान के साथ बातचीत कर सकता है जब वह हर आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे: थरूर

Last Updated 03 Jun 2025 07:19:19 PM IST

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करने में समस्या भाषा नहीं है, बल्कि सभ्यता और शांति के लिए एक साझा दृष्टिकोण खोजने की जरूरत है।


कांग्रेस सांसद शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने  इस बात पर जोर दिया कि अगर पाकिस्तान देश में मौजूद हर आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ उल्लेखनीय कार्रवाई करता है, तो भारत उसके साथ बातचीत कर सकता है।

ब्राजील में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने यह भी कहा कि उनकी टीम ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश को लातिन अमेरिकी देशों तक सफलतापूर्वक पहुंचाया, जिनमें वे देश भी शामिल हैं जिन्हें कुछ गलतफहमियां हो सकती हैं।

थरूर ने कहा, ‘‘हम अपने वार्ताकारों से यही कहते हैं कि अगर पाकिस्तान इतना ही निर्दोष है जितना वह दावा करता है, तो वह वांछित आतंकवादियों को पनाह क्यों देता है?... आखिर (आतंकवादी) वे (पाकिस्तान में) सुकून से रहने, प्रशिक्षण शिविर चलाने... और लोगों को कट्टरपंथी बनाने, हथियारों से लैस करने तथा लोगों को अपने हथियारों और कलाश्निकोव (राइफल) का अभ्यास करने के लिए प्रेरित कैसे कर पाते हैं...।’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करने में समस्या भाषा नहीं है, बल्कि सभ्यता और शांति के लिए एक साझा दृष्टिकोण खोजने की जरूरत है।

थरूर ने कहा, ‘‘आप आतंकवाद के बुनियादी ढांचे पर नकेल कसें जो आपके देश में हर जगह दिखाई देता है। फिर निश्चित रूप से हम बातचीत कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनसे हिंदुस्तानी में बात कर सकते हैं। हम उनसे पंजाबी में बात कर सकते हैं। हम उनसे अंग्रेजी में बात कर सकते हैं। पाकिस्तान के साथ साझा आधार तलाशने में कोई समस्या नहीं है। समस्या सभ्यता और शांति के लिए साझा दृष्टिकोण तलाशने की है। हम शांति चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं। वे हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहते। वे हमें परेशान करना चाहते हैं। वे हमें कमजोर करना चाहते हैं।’’

थरूर ने कहा, ‘‘वे भारत को हजारों जख्म देकर खत्म करना चाहते हैं। वे इतनी आसानी से खत्म नहीं कर पाएंगे। बेहतर होगा कि वे इस विचार को भूल जाएं।’’

‘ब्रिक्स’, पांच अग्रणी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह है। ब्राजील 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच की मेजबानी कर रहा है।

इस प्रश्न पर कि क्या भारत को उम्मीद है कि ब्राजील भारतीय नागरिकों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल पर एक बयान जारी कर सकता है, थरूर ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि ब्रिक्स का एक अलग एजेंडा है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे एकजुटता व्यक्त नहीं करना चाहते हैं।... मुझे नहीं पता और मुझे यह भी नहीं पता कि यह उस मसौदे में है या नहीं जिस पर वे पहले से काम कर रहे हैं’’।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ​​अन्य मुद्दों का सवाल है, तो आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारा ध्यान नहीं है। ईमानदारी से कहूं तो हमारा ध्यान पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तान में आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में उसकी पूरी तरह विफलता पर है।’’

इस सवाल पर कि क्या देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को मान्यता दे रहे हैं, थरूर ने कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल अब तक चार देशों - गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील की यात्रा कर चुका है और ‘‘हम जिन देशों में गए हैं, वहां यह बात बहुत स्पष्ट रही है।’’

थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल ब्राजील से अमेरिका जाएगा।

भाषा
ब्रासीलिया


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