राज्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें DRI अधिकारी : सीतारमण

Last Updated 03 Jun 2025 06:36:07 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राजस्व आसूचना (डीआरआई) अधिकारियों से कहा कि वे राज्यों की विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय विकसित करें। साथ ही तस्करों गिरोहों के सरगनाओं को पकड़ने के लिए अधिक सतर्कता बरतें एवं कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी एकत्रित करें।


राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के नए मुख्यालय भवन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ सबसे बड़ा खतरा है, क्योंकि यह हर राज्य और यहां तक ​​कि छोटे शहरों में भी फैला रहा है।

उन्होंने खुफिया आंकड़ों के विशाल भंडार पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय की बात कही। 

सीतारमण ने कहा कि अलग-अलग मामलों पर गौर करने के बजाय बड़े सरगनाओं को निशाना बनाते हुए समग्र रूप से जांच करें। किसी इकाई, किसी व्यक्ति और उनके व्यावहारिक रवैये पर सभी उपलब्ध जानकारी एवं डेटा का लाभ उठाएं ताकि सभी पहलुओं पर गौर करते हुए प्रणालीगत जोखिमों व खतरों को उजागर किया जा सके।

केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘‘ लक्ष्य पूरे नेटवर्क और सिंडिकेट को ध्वस्त करना होना चाहिए, न कि केवल कुछ गतिविधियों को रोकना।’’

सीतारमण ने डीआरआई अधिकारियों से कहा कि वे गिरोहों के मुख्य व्यक्ति पर नजर रखें। 

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप छोटी मछलियों को पकड़ते हैं तो कोई फायदा नहीं है। बड़े साजिशकर्ता कई बार हमारे हाथ नहीं लगते। हमें तस्करी की पूरी श्रृंखला, पूरी नापाक कार्रवाई की श्रृंखला पर नजर रखने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। यह आसान नहीं है... लेकिन हमें इस पर कुछ ठोस परिणाम दिखाने चाहिए।’’

मंत्री ने यह भी कहा कि ‘‘ अधिक सार्थक तरीका’’ अपनाना चाहिए जिसके द्वारा प्रवर्तन अधिकारी उनके द्वारा प्राप्त आंकड़ों एवं खुफिया सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई कर सकें। बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय से आर्थिक अपराधों के पीछे के सरगनाओं पर नकेल कसने के लिए समय एवं प्रयास को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘ एजेंसियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे यह समझ सकें कि कौन सा डेटा कार्रवाई योग्य है और किस पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। इसलिए, यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे मैं अब भी ‘ग्रे एरिया’ कहूंगी।’’

‘ग्रे एरिया’ से तात्पर्य एक ऐसी स्थिति या क्षेत्र से है जो स्पष्ट नहीं है, जहां नियम अस्पष्ट हैं या जहां सही एवं गलत के बीच का अंतर स्पष्ट नहीं है।

मंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि स्कूल और कॉलेज मादक तस्करों के निशाने पर हैं।

उन्होंने कहा कि डीआरआई उन्हें देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमा पर है, लेकिन, उसे राज्य पुलिस अधिकारियों या राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय भी करना होगा ताकि उन्हें ‘‘स्थिति की गंभीरता’’ समझाई जा सके।

सीतारमण ने कहा, ‘‘ क्या वे इसपर कार्रवाई करते हैं? यह कार्रवाई का दूसरा पहलू है जिस पर बहुत अधिक विचार एवं चर्चा होनी चाहिए। राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय एक ऐसा ‘ग्रे एरिया’ है जिसे मैं आज देख रही हूं। यहां तक ​​कि अगर आप ऐसी नापाक गतिविधियों को रोकने में सक्षम हैं, तो जमीन पर अंतिम परिणाम अपने आप ही सामने आते हैं। इसमें तेजी लानी होगी।’’

मंत्री ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रणाली में और अधिक गहराई से एकीकृत करना होगा, साथ ही मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी भी बनानी होगी।

सीतारमण ने प्रभावी प्रवर्तन के लिए तीन बिंदुओं का उल्लेख किया और कहा कि नियमों को निष्पक्ष एवं लगातार लागू किया जाना चाहिए और धोखाधड़ी को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ .....धोखाधड़ी का पता लगाने वाला मजबूत खुफिया ढांचा न केवल गलत काम करने वालों को पकड़ने के लिए बल्कि ईमानदार व्यापार के लिए समान अवसर तैयार करने को भी आवश्यक है।’’

भाषा
नई दिल्ली


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