भारत-पाकिस्तान तनाव : इतिहास में शेयर बाजार का प्रदर्शन, कब आई रिकवरी?

Last Updated 28 Apr 2025 05:25:16 PM IST

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशक सतर्क बने हुए हैं और मौजूदा समय में शेयर बाजार में कारोबार करने से बच रहे हैं। लेकिन, इतिहास दिखाता है कि जब-जब लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर तनाव बढ़ा है, गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार में बड़ी रिकवरी देखने को मिली है।


इतिहास में शेयर बाजार का प्रदर्शन

बालाकोट एयरस्ट्राइक :- पुलवामा हमले के बाद भारतीय एयरफोर्स ने 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट, पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी लॉन्च पैड्स पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक की थी। इस दौरान, सेंसेक्स में 239 अंक और निफ्टी में 44 अंक की गिरावट आई। हालांकि, इसके अगले दिन सेंसेक्स 165 अंक की तेजी के साथ खुला और सपाट बंद हुआ।

वहीं, 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद अगले दिन 15 फरवरी को शेयर बाजार में 0.2 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।

उरी सर्जिकल स्ट्राइक :- उरी आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई थी। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमश: 400 अंक और 156 अंक की गिरावट हुई।

26/11 मुंबई आतंकी हमला :- 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के समय बाजार में अलग ट्रेंड देखा गया। आतंकी हमले के दौरान सेंसेक्स में 400 अंक और निफ्टी में 100 अंक की तेजी देखी गई।

कारगिल युद्ध :- 1999 कारगिल युद्ध के समय सेंसेक्स और निफ्टी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। करीब तीन महीने तक चले युद्ध के दौरान सेंसेक्स में 1,100 अंक और निफ्टी में 300 अंक से अधिक का इजाफा हुआ था।

ऐतिहासिक डेटा दिखाता है कि बीते दो दशकों में जब भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं, बाजार में तेज रिकवरी देखने को मिली है। इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार ने लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन किया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद आई हल्की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेज रिकवरी देखने को मिल रही है। सोमवार को बाजार के साप्ताहिक कारोबार के पहले दिन दोपहर में सेंसेक्स करीब 983 अंक या 1.24 प्रतिशत बढ़कर 80,196 और निफ्टी 290 अंक या 1.21 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,329 पर रहा।

आईएएनएस
मुंबई


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