बजट में स्पेस को मिला बड़ा तोहफा, भारत की स्पेस इंडस्ट्री के लिए 1000 करोड़ का ऐलान
भारत की स्पेस इकॉनमी तेजी से आगे बढ़ रही है, और इसके हाल के बजट में कई महत्वपूर्ण आवंटन किए गए हैं। इस साल अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवंटित बजट में कई बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
![]() भारत की स्पेस इकॉनमी |
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वदेशी स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए अपने बजट में 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय स्पेस इकोनॉमी अगले आने वाले सालों में पांच गुना ज्यादा हो जाएगी। सरकार अगले 10 सालों में स्पेस सेक्टर को पांच गुना बढ़ाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल (VC) फंड बनाने वाली है। इससे भारत को अंतरिक्ष (Space) के एरिया में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
स्पेस इकोनॉमी का फंड प्राइवेट सेक्टर में स्पेस टेक्नोलॉजी के एरिया में रिसर्च, इनोवेशन और विकास को बढ़ावा देगा। 1 लाख करोड़ रुपये के उस बड़े फंड का हिस्सा है जो अलग-अलग इंडस्ट्रियल में प्राइवेट सेक्टर के इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है। इसके अलावा, स्पेस टेक्नोलॉजी में काम करने वाली कंपनियों को नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत 12 इंडस्ट्रियल पार्कों में जगह दी जाएगी।
स्पेशल इन्वेस्ट के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर, राजाराम ने कहा, अगले 10 सालों में, भारत का स्पेस मार्केट बढ़कर 44 बिलियन डॉलर का होने का अनुमान है और हम विभिन्न क्षेत्रों -लॉन्च व्हीकल, सैटेलाइट मेन्युफैक्चरिंग, अर्थ ऑब्जर्वेशन, कम्युनिकेशन और इन-ऑर्बिट इकोनॉमी में निवेश में 100 गुना भायदा देख सकते हैं।
वहीं निजी क्षेत्र की भागीदारी की बात करें तो भारत ने अपने पहले निजी रॉकेट Vikram-S को लॉन्च कर एक नई दिशा में कदम रख दिया है। यह रॉकेट Skyroot Aerospace द्वारा विकसित किया गया है और ISRO की लॉन्च फैसिलिटी से लॉन्च किया गया। इस मिशन की सफलता के बाद भारत में स्पेस टूरिज्म के दरवाजे खुलने की संभावना भी है।
भारत सरकार के इस कदम से 180 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को फायदा मिलेगा। इंडियन स्पेस एसोसिएशन (ISPA) और सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIA-इंडिया) ने इस कदम का स्वागत किया है। इन नीतियों से भारत की स्पेस इकॉनमी को और अधिक मजबूती मिलेगी।
इन सब प्रयासों से साफ है कि भारत की स्पेस इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है और आने वाले समय में इसके और भी अधिक विस्तार की संभावना है।
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