Delhi Ordinance Bill: 'फर्जी हस्ताक्षर' मामले में राघव चड्ढा, बोले- BJP मेरी संसद सदस्यता खत्म कराने की साजिश रच रही

Last Updated 10 Aug 2023 11:35:27 AM IST

'फर्जी हस्ताक्षर' को लेकर विवादों में आए आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।


आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने राहुल गांधी के बाद अब आप के सांसद राघव चड्ढा की संसद सदस्यता खत्म कराने की साजिश रची है।

'दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में 'सियासी दंगल' जारी है। दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) पर दिल्ली सेवा बिल के लिए प्रस्ताव में 'फर्जी हस्ताक्षर' का आरोप लगा रही है।

आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने गुरूवार को दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा और कहा कि वह उनकी आवाज को ‘‘दबाने’’ की कोशिश कर रही है।

चार सांसदों ने चड्ढा पर नियमों का उल्लंघन कर उनकी सहमति के बिना चयन समिति के गठन के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने का आरोप लगाया है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन सांसदों की शिकायतों का संदर्भ देते हुए मामले की जांच के लिए इसे विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। इस घटनाक्रम के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में आप नेता ने कहा कि वह इस मामले पर समिति और अदालत का रुख करेंगे।

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि राज्यसभा में चयन समिति के सदस्यों के नामांकन के लिए हस्ताक्षर और लिखित सहमति की आवश्यकता होती है।

चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के उन लोकसभा सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा जिन्होंने मेरे खिलाफ जालसाजी का झूठा आरोप लगाया है।’’

आप नेता ने कहा, ‘‘जब भी विशेषाधिकार समिति किसी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है, तो उक्त व्यक्ति सार्वजनिक बयान नहीं देता। लेकिन मजबूरी के कारण मुझे बोलना पड़ रहा है। मैं माननीय सभापति या विशेषाधिकार समिति के खिलाफ नहीं बोलूंगा।’’

 

 

चड्ढा ने कहा, ‘‘मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वह उन दस्तावेजों को दिखाए जिनमें जाली हस्ताक्षर हैं, जैसा कि उन्होंने आरोप लगाया है। मेरे खिलाफ शिकायतों पर संसदीय बुलेटिन में जालसाजी, जाली हस्ताक्षर का कोई जिक्र नहीं है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है’’।

राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति को उच्च सदन के सदस्य सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है और अपनी शिकायत में सात अगस्त को एक प्रस्ताव में प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल किए जाने का जिक्र किया है।

चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर विचार करने के लिए एक चयन समिति के गठन का प्रस्ताव रखा था और इसमें चार सांसदों के नाम शामिल किए थे।

बता दें कि इस विधेयक के ज़रिए मोदी सरकार उस अध्यादेश को क़ानून बना रही है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल के पास दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफ़र का आख़िरी अधिकार होगा।

इससे पहले राज्यसभा में जब दिल्ली संबंधी बिल पर वोटिंग होने जा रही थी, तब कई सांसदों ने बिल को सदन की प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। इसका प्रस्ताव राघव चड्ढा ने भी दिया था। राघव चड्ढा ने समिति में जिन सांसदों का नाम रखा था, उनमें से पांच ने आरोप लगाया था कि राघव चड्ढा ने बगैर उनकी सहमति से नाम दिया है।

जिन पांच सांसदों ने ये दावा किया गया है कि प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर फ़र्ज़ी थे उनमें बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, पी कोन्याक, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा और एआईडीएमके सांसद थम्बी दुरई का नाम शामिल है। उन्होंने विशेषाधिकार हनन की शिकायत सभापति से की थी। जिस पर सभापति ने पूरे मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा था।
 

समय लाइव डेस्क/भाषा
नई दिल्ली


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