Indians के शव स्‍वदेश से लाने की प्रक्रिया Website पर डाले विदेश मंत्रालय: Delhi HC

Last Updated 14 Jul 2023 09:03:06 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह विदेशों में मरने वाले भारतीयों के शव देश लाने की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करे और उसका व्यापक प्रसार करे।


दिल्ली उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति नजमी वजीरी और न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की खंडपीठ मालदीव में एक भारतीय व्यक्ति की मौत से संबंधित चिंताओं से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों को जनता के लिए आसानी से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

पीठ ने भारत में परिचालन करने वाली एयरलाइंस से आग्रह किया कि वे विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लाभ के लिए अपनी वेबसाइटों पर एसओपी की उपलब्‍ध कराने पर विचार करें। साथ ही यह भी कहा कि स्वदेश वापसी के उद्देश्य से स्थापित कल्याण कोष के बारे में जानकारी सुलभ कराई जानी चाहिए।

अदालत ने कहा, "...मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और 'विदेश में भारतीय मिशनों/केंद्रों में स्थापित भारतीय समुदाय कल्याण कोष पर दिशानिर्देश' सार्वजनिक डोमेन में सुलभ और व्यापक रूप से प्रसारित होने चाहिए।"

"इसलिए, विदेश मंत्रालय को इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से एक सप्ताह के भीतर उक्त एसओपी और दिशानिर्देशों को अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से पोस्ट करने और सुलभ बनाने का निर्देश दिया जाता है।"

इस बीच, केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत को सूचित किया कि भारतीय पर्यटकों और श्रमिकों के शवों के परिवहन के लिए एसओपी पहले से ही लागू है।

अदालत ने कहा कि भारतीय पर्यटकों के मामले में, भारतीय मिशन आमतौर पर मृत व्यक्ति के परिवार के साथ समन्वय करते हैं।

किसी श्रमिक के मामले में मृतक के नामांकित परिवार के सदस्यों, बीमा कंपनी और नियोक्ता के बीच समन्वय स्थापित किया जाता है, जबकि भारतीय मिशन पूरी प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी करता है।

असाधारण परिस्थितियों में जब संसाधन सीमित होते हैं, मिशन और विदेश मंत्रालय उपयुक्त व्यवस्था करते हैं। अक्सर संबंधित मिशन द्वारा स्थापित भारतीय समुदाय कल्याण कोष का उपयोग करते हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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