केंद्र-दिल्ली के टकराव के बीच विपक्षी एकजुटता के प्रयास हुए तेज, कांग्रेस के स्टैंड से तय होगी विपक्षी एकता

Last Updated 22 May 2023 08:30:24 AM IST

कांग्रेस (Congress) ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग (Transfer-Posting in Delhi0 वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर जल्दी ही कोई स्टैंड नहीं लिया तो वह विपक्ष में अलग-थलग पड़ सकती है।


केजरीवाल से मिलने के बाद नीतीश का केंद्र पर हमला

विपक्ष के तमाम दल जो कांग्रेस के सहयोगी भी हैं, इस मुद्दे पर आप नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का समर्थन करना चाहते हैं।

जद (यू) नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar), राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav), सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने केंद्र सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना करके केजरीवाल का साथ देने का वादा किया है।

AAP नेता  इस मुद्दे पर झामुमो नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren), शिवसेना उद्धव (Shivsena Udhav) के नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thakre), संजय राउत (Sanjay Raut), माकपा नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechuri), भाकपा नेता डी राजा (D Raja) और एनसीपी नेताओं के भी संपर्क में बताए जाते हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) और राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली आकर आप नेता अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर आप को विपक्षी दलों का समर्थन दिलवाएंगे। बिहार की नीतीश सरकार में कांग्रेस साझेदार है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार (Delhi government has the right of transfer posting) दिया था जिसे अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने नियंत्रित कर दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। पार्टी के भीतर से दो बयान आए हैं लेकिन वह अध्यादेश को लेकर नहीं हैं।

दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी (Anir Chaudhary) ने कहा है कि दिल्ली सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। वहीं दिल्ली से आने वाले राष्ट्रीय सचिव संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने केजरीवाल को असभ्य मुख्यमंत्री बताते हुए कहा है कि वह 8-10 दिन के लिए जेल जा सकते हैं। अगर कांग्रेस अध्यादेश के मुद्दे पर AAP के साथ नहीं खड़ी होती है तो विपक्ष के बिखराब का भी संदेश जाएगा। ऐसे में अन्य विपक्षी दल कांग्रेस की परवाह किए बिना इस मुद्दे पर आप के साथ खड़े हो जाते हैं तो कांग्रेस की किरकिरी अलग होगी।

विपक्ष इससे पहले भी कांग्रेस से अलग लाइन ले चुका है। मार्च में जब आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को CBI ने गिरफ्तार किया था तब कांग्रेस को छोड़कर कई विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। मार्च में लिखे गए इस पत्र पर एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar), तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे, बीआरएस नेता चंद्रशेखर राव (Chandrashekhar Rao) और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने हस्ताक्षर किए थे।

केजरीवाल से मिलने के बाद नीतीश का केंद्र पर हमला

AAP एक निर्वाचित सरकार की शक्ति कैसे छीन सकते हैं। संविधान का अध्ययन करें और देखें कि क्या सही है। केजरीवाल जो कुछ भी कह रहे हैं, वह सही है। हम पूरी तरह से उनके साथ हैं। केजरीवाल दिल्ली में अच्छा काम कर रहे हैं। इसलिए हम कह रहे हैं कि देश में सभी विपक्षी दलों को एकसाथ आना चाहिए। वह अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व से भी बात करेंगे।

► दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस मामले में समर्थन लेने के  लिए मैं व्यक्तिगत रूप से सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से मिलूंगा, ताकि अध्यादेश की जगह लेने के लिए केंद्र द्वारा लाए जाने वाले किसी भी विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सके। मैंने नीतीश कुमार जी से भी इस संबंध में सभी विपक्षी दलों से बात करने का अनुरोध किया है?

ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार से मिलेंगे केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलने महाराष्ट्र जाएंगे। इन मुलाकातों के दौरान अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ इन पार्टियों से समर्थन मांगेंगे।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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