जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी और आरएसएस को क्यों कहा दिया स्लीपर सेल?
जदयू के एक नेता ने बीजेपी और आरएसएस को स्लीपर सेल की संज्ञा दे दी है। उनकी नजरों में बीजेपी और आरएसएस स्लीपर सेल की भूमिका में काम कर रहे हैं। इस बात को जदयू के किसी छोटे-मोटे नेता ने नहीं कहा है बल्कि इस बात को जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कही है।
![]() जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा |
स्लीपर सेल क्या होता है? यह कैसे काम करता है? इसकी चर्चा तो हम बाद में करेंगे पहले हम आपको बताते हैं कि जनता दल यूनाइटेड के नेता ने बीजेपी और आरएसएस पर इतना बड़ा आरोप क्यों लगाया है।
दरअसल रमजान के महीने में देशभर में इफ्तार पार्टियों का आयोजन हो रहा है। इसी क्रम में कुछ दिन पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी अपने आवास पर एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। महागठबंधन के सभी नेता उसमें शामिल हुए थे। उसके कुछ दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले रविवार को अपने आवास पर रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने सत्ता और विपक्ष के सभी लोगों को उस पार्टी में आमंत्रित किया था। बीजेपी ने उस पार्टी से अपने आप को किनारे कर लिया था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि जिस समय बिहार हिंसा की आग में जल रहा है, ऐसे समय में नीतीश कुमार पार्टी का आयोजन कर रहे हैं।
नीतीश कुमार ने ना तो कोई व्यक्तिगत पार्टी दी थी और ना ही उनके परिवार के किसी सदस्य की शादी ब्याह की पार्टी थी। एक विशेष समुदाय के आस्था से जुड़े मामलों को लेकर इस पार्टी का आयोजन किया गया था। सीधे-सीधे कहें तो इस्लाम धर्म के मानने वाले या मुस्लिम समाज के लोगों की आस्था से जुड़े मामले को लेकर पार्टी रखी गई थी। मुस्लिम समुदाय रमजान के महीने को बहुत पाक मानता है। वह खुदा की इबादत करता है। दिनभर उपवास रहने के बाद शाम को रोजा इफ्तार करता है। इसी धार्मिक मामले को लेकर नीतीश कुमार ने रोजा इफ्तार पार्टी का आवेदन किया था। भाजपा ने इस पार्टी से भले ही किनारा कर लिया हो, लेकिन भाजपा के इस रवैये से नाराज जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरएसएस और बीजेपी को स्लीपर सेल बता दिया।
स्लीपर सेल आतंकवादियों के दोस्त के रूप में काम करते हैं। वह आम लोगों के बीच रहते हैं, और जब उनका आका उन्हें निर्देश देता है तो वह देश में अशांति फैलाने की कोशिश करता है। बम ब्लास्ट जैसी घटनाओं को अंजाम देने में भी पीछे नहीं हटता। ऐसे होते हैं स्लीपर सेल। जब जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी और आरएसएस को स्लीपर सेल की संज्ञा दे दी तो भला बीजेपी कैसे चुप रहती।
उमेश सिंह कुशवाहा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए यह भी कह दिया कि बीजेपी सामाजिक समरसता और सौहार्द के खिलाफ खड़ी रहने वाली पार्टी है। उन्होंने बिहार की जनता से अपील की, और अपनी सरकार से ऐसी सांप्रदायिक शक्तियों पर लगाम लगाने की मांग की है। उधर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने भी नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार इस समय हिंसा की आग में जल रहा है और दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री जश्न में डूबे हैं। वह अपने आवास पर पार्टी का आयोजन कर रहे हैं।
बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड दोनों ही पार्टियों के नेताओं की दलीलें अपनी-अपनी जगह भले ही ठीक हों, लेकिन जदयू नेता का भाजपा और आरएसएस को स्लीपर सेल बताना भी गलत है। दूसरी तरफ भाजपा के विजय कुमार सिन्हा, जो कि विपक्ष के नेता भी हैं, उनका यह कहना गलत है कि नीतीश कुमार अपने आवास पर पार्टी का आयोजन कर जश्न मना रहे हैं। जबकि नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय की आस्था का ख्याल रखते हुए रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था।
नीतीश कुमार पूरे बिहार की जनता के मुख्यमंत्री हैं, बिहार के हर धर्म और हर जाति के लोगों के मुख्यमंत्री हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री के नाते उनका कर्तव्य बनता है कि हर धर्म के लोगों को वह सम्मान दें। हर धर्म के लोगों की आस्था का ख्याल रखें। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए की जनता दल यूनाइटेड के नेता और भाजपा के नेता प्रतिपक्ष बयान देते समय बिहार की गरिमा और बिहार की संस्कृति का ख्याल जरूर रखें।
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