अरविंद केजरीवाल का मैकेनिकल इंजीनियर से राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक बनने तक का सफर

Last Updated 11 Apr 2023 12:50:33 PM IST

अन्ना जन लोकपाल बिल आंदोलन से राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिल गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव होने से पहले AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलना बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है।


अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

अन्ना आंदोलन के समय से सुर्खियों में आए अरविंद केजरीवाल के लिए किसी को ये आभास भी नहीं होगा की IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त, IRS ऑफिसर एक दिन अपनी तेज राजनीतिक स्ट्रेटजी से भारतीय राजनीतिक गलियारे में अलग मुकाम हासिल कर लेगा।

अन्ना जन लोकपाल बिल आंदोलन से भारतीय राजनीति में कदम रखने वाले अरविंद केजरीवाल की बनाई राजनीतिक पार्टी आज सुर्खियों में है। उनकी कुछ सालों की राजनीतिक सक्रियता ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ़ खींच लिया है।

कुछ ही समय में दिल्ली की राजनीति में अपना लोहा मनवाने वाले अरविंद केजरीवाल का IRS सरकारी अधिकारी से नेता बनने तक का सफर दिलचस्प रहा है।

कुछ साल पहले तक अरविंद केजरीवाल को लेकर किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि वो एक दिन राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक बन जाएंगे और दिल्ली की कुर्सी पर दूसरी बार काबिज होंगे।

सन1968 में हरियाणा के हिसार शहर में जन्में अरविंद केजरीवाल ने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, टाटा स्टील में नौकरी हासिल की। लेकिन जल्दी ही उन्होने अपनी दिल की मानते हुए सिविल सर्विस की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ दी।

1992 में केजरीवाल ने भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के लिए चुन लिए गए। उन्हे दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया जहां उन्होने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान शुरू कर दिया। शुरूआत में अरविंद ने Income Tex Office में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई परिवर्तन लाने में बड़ी भूमिका निभाई। जनवरी 2000 में उन्होंने दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन-परिवर्तन की स्थापना की, जो पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।  फरवरी 2006 में उन्होंने ‘जॉइंट कमिश्नर’ पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद वे पूरे समय के लिए समाज में परिवर्तन लाने के लिए ही समर्पित हो गए।

2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत की।

आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012, भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।

2013 में पहली वार आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी ने 70 में से 28 सीटें जीतीं।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सशर्त समर्थन के साथ, उन्होंने सरकार बनाई और पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन उन्हें सिर्फ 49 दिनों में इस्तीफा दे देना पड़ा।

2015 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और 14 फरवरी 2015 को दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 16 फरवरी 2020 को अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद के लिए शपथ ली, इस तरह अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने में कामियाब हुए।
 
अब आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी उपलब्धी मिली है। चुनाव आयोग ने AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया है। गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव होने से पहले राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलना पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में AAP को कितनी सफलता मिलती है। आज के समय में AAP तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में एक राज्य स्तर की पार्टी के तौर पर मान्यता प्राप्त कर चुकी है।
 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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