एमसीडी के नॉमिनेटेड मेंबर को वोटिंग अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) के मनोनीत सदस्य महापौर चुनाव में मतदान नहीं कर सकते और इस पर संवैधानिक प्रावधान बिल्कुल स्पष्ट है।
![]() एमसीडी के नॉमिनेटेड मेंबर को वोटिंग राइट नहीं |
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की महापौर चुनाव जल्द कराने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा, 16 फरवरी को होने वाले मतदान को 17 फरवरी के बाद की तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। पीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा, मनोनीत सदस्य चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते।
संवैधानिक प्रावधान बिल्कुल स्पष्ट हैं। पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला भी थे। प्रधान न्यायाधीश ने एएसजी से कहा, मनोनीत सदस्यों को मतदान नहीं करना चाहिए। यह बहुत अच्छी तरह से निर्धारित है। यह बहुत स्पष्ट है। हालांकि, जैन ने कहा कि वह इस पहलू पर दलीलें रखेंगे।
ओबेरॉय की ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत ने पीठ से कहा, याचिकाकर्ता दो निर्देशों का अनुरोध कर रही हैं। एक, मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दूसरा, महापौर, उपमहापौर तथा स्थाई समिति के चुनावों को अलग-अलग कराया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने 8 फरवरी को ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय, एमसीडी की अस्थाई पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा और अन्य से जवाब मांगा था।
भाजपा और आप दोनों ने एक-दूसरे पर महापौर के चुनाव को रोकने का आरोप लगाया है। विवाद का विषय ‘एल्डरमैन’ की नियुक्ति और सदन में उनके मतदान के अधिकार हैं। एमसीडी के 250 निर्वाचित सदस्यों में से 134 के साथ बहुमत वाली आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार देकर उसके जनादेश को चुराने की कोशिश कर रही है।
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