चुनाव आयोग ने मतदान कर्मियों के लिए पोस्टल बैलेट हटाने का प्रस्ताव रखा

Last Updated 21 Sep 2022 09:17:31 PM IST

चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया है कि मतदान कार्यकर्ता डाक मतपत्रों के बजाय अपने लिए बनाए गए मतदाता सुविधा केंद्रों पर मतदान करें।


चुनाव आयोग

सूत्रों ने दावा किया कि चुनाव आयोग के इस कदम का उद्देश्य दुरुपयोग की संभावना को कम करना है।

चुनाव आयोग ने इस संबंध में चुनाव आचरण नियम, 1961 के नियम 18 में संशोधन का प्रस्ताव रखा।

यह देखा गया है कि चूंकि मतदान कर्मियों के पास मतदाता सुविधा केंद्र में जाने का विकल्प होता है, उनमें से कई डाक के माध्यम से अपने वोट भेजने का विकल्प चुनते हैं और अपने चुनावी कर्तव्यों को पूरा करने के बाद लंबे समय तक डाक मतपत्रों को अपने घरों में रखते हैं।

एक सूत्र ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान, गोवा, केरल और मणिपुर में चुनाव कर्मचारियों के 50 प्रतिशत से अधिक मतपत्र डाक द्वारा भेजे गए थे।

एक बार कानून मंत्रालय द्वारा लागू किए जाने के बाद, नियमों में बदलाव से मतपत्रों के संभावित दुरुपयोग में कमी आएगी। नीति के अनुसार, चुनाव कर्मियों को अपने स्वयं के अलावा अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात किया जाता है। मौजूदा मानदंडों के अनुसार, वे चुनाव पूर्व प्रशिक्षण के समय अपने संबंधित रिटनिर्ंग अधिकारियों से डाक मतपत्र के लिए आवेदन करते हैं। रिटनिर्ंग अधिकारी मतपत्र जारी करते हैं और उनके मतदान की सुविधा के लिए सुविधा केंद्र भी स्थापित करते हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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