दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की विधायकी खत्म करने की जनहित याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित

Last Updated 16 Aug 2022 04:48:38 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।


सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो)

दरअसल, सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया है कि ईडी से पूछताछ के दौरान कैबिनेट मंत्री सतेन्द्र जैन ने खुद माना है कि वह कोविड का शिकार होने के बाद अपनी याददाश्त खो चुके हैं। नियमों के मुताबिक, अस्वस्थ मस्तिष्क के चलते वह विधानसभा के सदस्य बने रहने के अधिकारी नहीं हैं।

मौजूदा समय में संजय जैन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

याचिका पर दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वे उचित आदेश पारित करेंगे। फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।

याचिकाकर्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की। याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 191(1)(बी) के तहत अस्वस्थ मस्तिष्क का शख्स विधानसभा का सदस्य नहीं बना रह सकता। लिहाजा उन्हें पद पर बरकरार रख कर दिल्ली सरकार नियमों का उल्लंघन कर रही है।

सीबीआई ने जैन, उनकी पत्नी और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

वहीं ईडी ने सतेन्द्र जैन को 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी ने सतेन्द्र जैन, उनकी पत्नी किरण जैन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इनमें 4 कम्पनी भी शामिल हैं। 31 मार्च को, ईडी ने अस्थायी रूप से मंत्री के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया।

6 जून को, ईडी ने जैन, उनकी पत्नी और उनके सहयोगियों से संबंधित कई स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान 2.85 करोड़ रुपये नकद और 1.80 किलोग्राम वजन के 133 सोने के सिक्के बरामद किए गए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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