‘दागी’ मंत्री रहे या नहीं, सीएम तय करें
दिल्ली हाईकोर्ट ने धनशोधन के एक मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से निलंबित करने के अनुरोध संबंधी याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
![]() सत्येंन्द्र जैन |
अदालत ने कहा कि यह मुख्यमंत्री को विचार करना है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को मंत्री के रूप में बनाए रखना चाहिए या नहीं।
हाईकोर्ट ने कहा कि शपथ भंग करने वाले व्यक्ति को हटाने के लिए राज्यपाल या मुख्यमंत्री को निर्देश देना अदालत का काम नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत का यह कर्तव्य है कि वह इन प्रमुख कर्तव्य धारकों को संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने, संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए उनकी भूमिका के बारे में याद दिलाए।
न्यायालय ने कहा कि मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के सदस्यों को चुनने और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति से संबंधित नीति तैयार करने में अपने विवेक का प्रयोग करते हैं।
जैन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
ईडी ने धन शोधन के मामले में गिरफ्तार सत्येंन्द्र जैन व अन्य के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल आरोप पत्र पर 29 जुलाई को विचार करेंगी। उसी दिन उनके अंतरिम जमानत याचिका पर भी विचार किया जाएगा।
जैन ने अपने स्वास्थ्य को लेकर अदालत से अंतरिम जमानत मांगी है। फिलहाल जैन न्यायिक हिरासत में हैं।
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