छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन की सुविधा बंद होना सही नहीं : कोर्ट

Last Updated 24 May 2022 05:46:15 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी सरकारी स्कूलों की छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन की सुविधा तुरंत बहाल करने के मामले में दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।


छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन की सुविधा बंद होना का मामला

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि एक सामाजिक कार्य का केवल अनुबंध नहीं होने के कारण बंद होना सही नहीं है।
दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने पीठ को बताया कि इस सुविधा को जनवरी 2021 से बंद कर दिया गया था। अब गर्मियों की छुट्टी के बाद स्कूल खुलने पर उसकी फिर से शुरू होने की संभावना है क्योंकि इसके लिए निविदा निकाली जा चुकी है। पीठ ने सवाल किया कि अंतरिम व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में आखिर इसे क्यों रोका जाना चाहिए। सरकार को हमेशा सरकारी ई-मार्केटप्लेस से अनुमोदित दरों पर सामान खरीदना होता है। पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए, जहां मौजूदा अनुबंध समय के साथ समाप्त हो जाते हैं। केवल मौजदा अनुबंध की अनुपस्थिति ही इस तरह के सामाजिक कदम के बंद होने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं, बल्कि जब मौजूदा अनुबंध समय के साथ समाप्त हो जाते हैं तो दिल्ली सरकार को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए।

अधिवक्ता अशोक अग्रवाल व कुमार उत्कर्ष के माध्यम से एक एनजीओ सोसल ज्यूरिस्ट की याचिका में कहा गया है कि डीओई ने किशोरी योजना को अपनाया था, जिसके तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए सैनिटरी नैपकिन प्रदान किए जाने थे। निदेशालय ने सकरुलर के जरिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रमुखों को छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन वितरित करने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया है कि छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन सुविधा की बहाली उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी अनुपस्थिति में उनकी शिक्षा और उपस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में डीओई की ओर से सैनिटरी नैपकिन नहीं दिया जाना तर्कहीन, अनुचित, मनमाना, संविधान के तहत गारंटीकृत छात्राओं की शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। ऐसे में सरकार को छात्राओं को तुंरत प्रभाव से सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने का निर्देश दिया जाए।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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