नीति के अनुसार ही फेरीवाले काम करें
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी फेरीवाले को इस बात पर जोर देने का कोई अधिकार नहीं है कि उसे रात में उसी जगह पर अपना माल व सामान रखने की अनुमति दी जाए, जहां वह फेरी लगाता है।
![]() उच्चतम न्यायालय |
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने स्पष्ट किया कि फेरी वालों को सिर्फ फेरी नीति के अनुसार ही बाजारों में सामान बेचने की इजाजत दी जा सकती है।
पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के समक्ष अर्जी दाखिल की गई थी कि सरोजिनी नगर मार्केट में फेरी लगाने वाले याचिकाकर्ता को फेरी वाले स्थान पर रात में अपना सामान छोड़ने की अनुमति दी जाए। उच्च न्यायालय ने संबंधित अर्जी को उचित रूप से खारिज किया है।’’ पीठ ने कहा, ‘एक फेरीवाला होने के नाते याचिकाकर्ता को इस बात पर जोर देने का कोई अधिकार नहीं है कि उसे उसी स्थान पर रात में अपना माल व सामान रखने की अनुमति दी जाए, जहां वह फेरी लगाता है।’
शीर्ष अदालत सरोजिनी नगर मार्केट में फेरी लगाने वाले एक व्यक्ति द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। फेरीवाले ने उच्च न्यायालय से नई दिल्ली नगरपालिका को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसे उसी स्थान पर रात में अपना सामान छोड़ने की अनुमति दे, जहां वह दिन में फेरी लगाता है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि फेरीवाले की अपील फेरी लगाने की अवधारणा के खिलाफ है, जो फेरीवाले को किसी भी क्षेत्र पर स्थायी रूप से कब्जा की अनुमति नहीं देती।
| Tweet![]() |