अंतरिक्ष से 18 दिन बाद धरती पर सुरक्षित लौटे शुभांशु शुक्ला, परिवार ने जताई खुशी; PM मोदी-राजनाथ ने दी बधाई

Last Updated 15 Jul 2025 03:23:30 PM IST

मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए एक्सिओम-4 ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS) पर 18 दिनों के सफल प्रवास के बाद आज पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आया।


ड्रैगन अंतरिक्ष यान कैलिफोर्निया में सफलतापूर्वक प्रशांत महासागर में उतरा है। इस अंतरिक्ष यान में भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री सवार थे।

शुभांशु की वापसी पर पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने शुभांशु को वापसी की बधाई दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूँ, क्योंकि वह अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन - गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुभांशु की वापसी पर पोस्ट शेयर किया है। राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, "एक्सिओम-4 मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी पर सभी भारतीयों को गर्व है। उन्होंने सिर्फ अंतरिक्ष को नहीं छुआ है बल्कि वो भारत की आकांक्षाओं को भी नई ऊंचाईयों पर लेकर गए हैं। ISS में जाकर वापस आना सिर्फ उनके लिए मील का पत्थर नहीं है बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।"

शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम आज दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित रूप से उतरे। इस प्रक्रिया को ‘स्प्लैशडाउन’ कहा जाता है। अंतरिक्ष स्टेशन से धरती तक की यह यात्रा पूरी करने में उन्हें लगभग 22 घंटे 30 मिनट का समय लगा।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर सकुशल वापसी हो गई, जिसके लिए लखनऊ में उनके पिता अपने परिवार समेत लगातार पूजा अर्चना करते रहे।

स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस के संयुक्त इस मिशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद सफल माना जा रहा है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक अहम अध्याय के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि वह चुनिंदा भारतीय सैन्य अधिकारियों में से हैं जिन्होंने व्यावसायिक अंतरिक्ष मिशन में भाग लिया।

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिवार ने उनके और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद पृथ्वी पर लौटने पर जश्न मनाया।

लखनऊ में देशभक्ति के नारे गूंजे, जश्न का माहौल
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ को पूरा करने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए और इस खुशी में उनके गृह नगर लखनऊ में हर जगह जश्न का माहौल है।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के उनके तीन अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा।

शुभांशु के गृहनगर लखनऊ में इस उपलब्धि पर देशभक्ति के नारे गूंज उठे और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी।

उनके पूर्व विद्यालय सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के कानपुर रोड परिसर में भी लोगों ने जश्न मनाया। शुभांशु के परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छात्रों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भारतीय झंडे लहराकर कैप्सूल के प्रशांत महासागर में उतरने का स्वागत किया।

शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और उनकी मां आशा की आंखों में खुशी के आंसू देखे गए, जबकि उनकी बहन सुचि मिश्रा ने नम आंखों और हाथ जोड़कर अपने भाई के उतरने का स्वागत किया।

शंभू शुक्ला ने कहा, ‘‘वह अंतरिक्ष में गया और वापस आया है और हम बहुत खुश हैं क्योंकि इस मिशन का देश के गगनयान कार्यक्रम के लिए अपना महत्व है।’’

शुभांशु की मां आशा देवी अपने बेटे की असाधारण उपलब्धि पर भावुक हो गईं।

सुचि ने कहा, ‘‘पिछले 18 दिन हमने अपने भाई की अंतरिक्ष यात्रा के बारे में इतनी बातें की कि अब जब लैंडिंग हुई तो हमारे पास शब्द नहीं हैं। यह जानकर बहुत सुकून मिलता है कि मेरे भाई ने देश के लिए जो कुछ भी हासिल करने का लक्ष्य रखा था, वह हासिल हो गया है।’’

शुभांशु के परिवार तथा सीएमएस प्रबंधन ने केक काटकर खुशियां बांटीं और जैसे ही अंतरिक्ष यान समुद्र में उतरा तो स्वागत में जयकारे लगे और वहां मौजूद खड़े होकर तालियां बजाने लगे।

सीएमएस प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा, ‘‘शुभांशु की सफलता ने हमारे छात्रों की कल्पनाशीलता को प्रज्वलित किया है। वह सीएमएस के आदर्श वाक्य ‘‘जय जगत’’ का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और दर्शाते हैं कि अंतरिक्ष कोई कल्पना नहीं है-यह हमारा भविष्य है।’’
 




शुभांशु की पत्नी कामना अभी लखनऊ में नहीं हैं। उनके बारे में शंभू दयाल ने कहा ‘अभी कामना फ्लोरिडा में हैं।” उन्होंने कहा कि “दोनों लखनऊ में एक साथ पढ़ते थे और परिवार की सहमति से दोनों का विवाह हुआ। उनका छह साल का बेटा कियाश हैं।”

शुभांशु इस अक्टूबर में 40 साल के हो जाएँगे। उनकी बहन, सुचि ने बताया कि शुभांशु अपने साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ‘गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा’ जैसी भारतीय मिठाइयाँ ले गए थे क्योंकि उन्हें ये बहुत पसंद हैं। सुचि ने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा पर उनके सह-यात्री भी इसका स्वाद चखें।

उन्होंने कहा, ‘वीडियो और पोस्ट के ज़रिए हमें जो कुछ भी पता चला है, उससे लगता है कि उन सभी को यह बहुत पसंद आया।’

शुक्ला ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान से लौटे हैं, जो सोमवार को शाम 4:45 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हुआ। उनके साथ मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी हैं। ये सभी वाणिज्यिक एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा हैं।

राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में शुक्ला ने इतिहास रच दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति में एक और उपलब्धि जुड़ गयी।
 

भाषा/एजेंसियां
नई दिल्ली


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