पाक ने मानवाधिकारों का लगातार हनन किया, ओआईसी के प्रस्ताव अप्रासंगिक : विदेश मंत्रालय

Last Updated 24 Mar 2022 08:18:20 PM IST

भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक के दौरान दिए गए बयान और अपनाए गए प्रस्ताव अप्रासंगिकता हैं और ये छल-प्रपंच करने वाले संगठन और उसमें पाकिस्तान की भूमिका को प्रदर्शित करते हैं।


(फाईल फोटो)

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के बारे में ओआईसी की बैठक में पेश किए गए संदर्भ 'झूठ और गलत बयानी पर आधारित' हैं। बागची ने कहा, "पाकिस्तान जैसे मानवाधिकारों के क्रमिक हननकर्ता के कहने पर अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर टिप्पणी करने वाली इस संस्था की बेरुखी बहुत स्पष्ट है।"

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अभ्यासों से खुद को जोड़ने वाले राष्ट्रों और सरकारों को उनकी प्रतिष्ठा पर पड़ने वाले असर का अहसास होना चाहिए।

ओआईसी सदस्यों ने 22 से 23 मार्च तक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में आयोजित विदेश मंत्री परिषद के 48वें सत्र में भाग लिया।

पाकिस्तान सहित मुस्लिम बहुल देशों के 57 सदस्यीय संगठन ओआईसी ने बुधवार को कहा था कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना हासिल नहीं की जा सकती।

संगठन ने संयुक्त विज्ञप्ति के अनुलग्नक में कहा, "हम जम्मू और कश्मीर के लोगों के साथ अटूट एकजुटता का नवीनीकरण करते हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और ओआईसी के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों की इच्छाएं और आत्मनिर्णय के उनके अटूट अधिकार का पूर्ण समर्थन करते हैं।"

ओआईसी सदस्यों ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हो रहा है।

उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि भारत को 5 अगस्त, 2019 को या उसके बाद किए गए एकतरफा उपायों को वापस लेना चाहिए।

ओआईसी के विदेश मंत्रियों ने इस महीने की शुरुआत में भारत की ओर से देश में आकस्मिक गोलीबारी से जुड़े तथ्यों को सटीक रूप से स्थापित करने के लिए संयुक्त जांच के लिए पाकिस्तान की अपील का समर्थन किया है।

संयुक्त बयान में कहा गया है, "हम पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन, यात्री विमानों के लिए खतरा और भारत द्वारा 9 मार्च, 2022 को सुपरसोनिक मिसाइल के प्रक्षेपण से उत्पन्न दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के लिए खतरे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। हम भारत से अंतर्राष्ट्रीय कानून का पूरी तरह से पालन करने की अपील करते हैं और जिम्मेदार सरकार के व्यवहार के मानदंड और तथ्यों को सटीक रूप से स्थापित करने के लिए पाकिस्तान के साथ संयुक्त जांच करने की मांग करते हैं।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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