दिल्ली में प्रशासनिक नियंत्रण का मामला : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 3 मार्च को
दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण के विवादित मुद्दे पर आप सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तीन मार्च को सुनवाई करेगा।
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दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर किसका नियंत्रण होगा, यह विवाद 2019 के एक खंडित फैसले के बाद पैदा हो गया था।
14 फरवरी, 2019 को जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की दो सदस्यीय बेंच ने चीफ जस्टिस से सिफारिश की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर खंडित फैसले के मद्देनजर अंतिम फैसला करने के लिए तीन-न्यायाधीशों की बेंच गठित की जाए।
जस्टिस भूषण ने फैसला दिया था कि प्रशासनिक सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है। हालांकि जस्टिस सीकरी ने अलग फैसला दिया था। उन्होंने कहा कि शीर्ष पदों (संयुक्त निदेशक और उससे ऊपर) पर अधिकारियों के तबादले या तैनाती केवल केंद्र सरकार द्वारा ही की जा सकती है।
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया।
सिंघवी ने कहा कि यह मामला इस सवाल से संबंधित है कि क्या दिल्ली सरकार का अपने आईएएस अधिकारियों पर कोई नियंत्रण और शक्ति है या नहीं। इसकी सुनवाई 2020 में और फिर 2021 में दिवाली की छुट्टी के बाद होनी थी।
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