एमसीडी: पार्षद के पति के एनजीओ को बेची जमीन

Last Updated 30 Jan 2022 04:24:18 PM IST

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि एक षडयंत्र के तहत एनजीओ के माध्यम से एमसीडी की जमीनों को बेचा जा रहा है। आप एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि अशोक विहार के केशवपुरम जोन में एमसीडी की जमीन एक एनजीओ को बेच दी, जिसका मालिक पार्षदा मंजू खंडेलवाल के पति को बताया गया है।


आप एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक

दुर्गेश पाठक ने इसे एक आपराधिक गतिविधि बताते हुए कहा कि ऐसा संभव नहीं कि एमसीडी के असिस्टेंट कमिश्नर ने इतना बड़ा फैसला लिया और बीजेपी की पार्षदा के पति को ही यह जमीन दे दी, इसकी जानकारी किसी को न हो। जबकि दस्तावेजों में खुद पार्षदा ने इस बात की पुष्टि की है।

दुर्गेश पाठक ने रविवार को कहा कि यह दिल्ली नगर निगम में बहुत बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा है। आप लोगों ने देखा होगा कि पछले कई महीनों से यह माहौल बना है कि इस बार दिल्ली में बदलाव लाना है, इस बार एमसीडी में अरविंद केजरीवाल को लाना है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि एमसीडी की जमीनों को बेचकर अपने नेताओं को देने का एक बड़ा षडयंत्र चल रहा है।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले 6-7 महीनों में एमसीडी चांदनी चौक की गांधी मैदान पाकिर्ंग, पीतमपुरा की शिवा मार्केट पाकिर्ंग, सदर बाजार की कुतुब रोड पाकिर्ंग, नॉवल्टी सिनेमा, आजादपुर स्थित नानीवाला बाग, मोती नगर शॉपिंग कॉमप्लेक्स, डिलाइट सिनेमा के पास 22 दुकानें, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के 132 प्लॉट्स, करोल बाग में 5 पाकिर्ंग और शॉपिंग कॉमप्लेक्स, शालीमार बाग का स्कूल, एक कोचिंग सेंटर, एक हेल्थ सेंटर, आरबीटीबी अस्पताल आदि को बेचने का प्रस्ताव लेकर आई। सोचिए दिल्ली सरकार कहती है कि दिल्ली में स्कूलों की कमी है तो हमें जमीन दीजिए जिससे हम और स्कूल खोल पाएं, लेकिन एमसीडी उल्टा स्कूलों को बेचने का काम कर रही है।

कुछ दस्तावेज पेश करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि हम एक सबूत लेकर आए हैं। यह सबूत महत्वपूर्ण हैं। इसमें साफ लिखा है कि नॉर्थ एमसीडी के असिस्टेंट कमिश्नर ने अशोक विहार के केशवपुरम जोन में ढ़लाव की एक जमीन को एक एनजीओ को दे दी। उस एनजीओ का नाम पंचवटी सोशल वेलफेयर सोसाइटी है। सबसे महत्वपूर्ण चीज क्या है कि इस वॉर्ड की जो पार्षदा हैं उनका नाम मंजू खंडेलवाल है। यह जमीन जिसको दी गई वह उनके पति हैं, जिनका नाम राजेंद्र कुमार है। आपको यह समझ आ गया होगा कि पहले इन्होंने एक एनजीओ बनाया उसके बाद उसे यह जमीन दे दी गई। खुद पार्षदा ने लिखा है कि यह जमीन इनको दे दी जाए। इसकी देखभाल वही करेंगे। उस जमीन पर पार्क बनाना है या जो भी बनाना है यह भी उन्हीं का निर्णय होगा।

आईएएनएस
दिल्ली


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