भारत की निरंतर प्रगति में हमारे संविधान का सबसे बड़ा योगदान - ओम बिरला
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा है कि भारत की निरंतर प्रगति और देश में एकता की भावना में संविधान का सबसे बड़ा योगदान है।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला |
देशवासियों को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए बिरला ने कहा कि भारत में लोकतंत्र हजारों वर्षों से हमारी सोच और जीवन शैली में रहा है। 26 जनवरी 1950 को संविधान के अंगीकरण के साथ हमने अपनी इसी प्राचीन जीवन पद्धति को अपनी प्रगति और विकास का आधार बनाया।
बिरला ने लोकतंत्र की यात्रा पर आगे बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र की यात्रा में देश ने जिस प्रकार निरंतर प्रगति की है, जिस प्रकार एकता की भावना से हम आगे बढे हैं, उसमें हमारे संविधान का सबसे बड़ा योगदान है जो 7 दशकों के बाद भी समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के माध्यम से आज भी 135 करोड़ भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण किया जा रहा है। आज हम अपने अधिकारों ही नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति भी सचेत हैं।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा और प्राचीन ही नहीं, बल्कि सबसे जीवंत और सशक्त लोकतंत्र भी है जिसमें जनता की व्यापक भागीदारी है। आज जब देश 'अमृत महोत्सव' मना रहा है तो यही जनशक्ति हमें देश और मानवता के उज्जवल भविष्य के लिए प्रयासरत रहने की प्रेरणा दे रही है।
इस पवित्र अवसर पर लोगों से राष्ट्रसेवा के लिए स्वयं को समर्पित करने का आह्वान करते हुए बिरला ने कहा, आज हमारे लिए अपने राष्ट्रीय दायित्वों और संकल्पों के लिए प्रतिबद्ध होने का पर्व है। आइये, इस पवित्र दिवस पर हम संकल्प लें कि हम अपने कार्यों, अपने सामूहिक प्रयासों एवं अपने योगदान से अपने लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाएंगे तथा राष्ट्रसेवा के लिए स्वयं को पुन: समर्पित करेंगे। जय हिन्द।
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