पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया।
![]() इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण। |
नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद महान विभूतियों के इतिहास को नजरअंदाज किया गया, उनके योगदान को सीमित करने और मिटाने का प्रयास किया गया, लेकिन आजादी के दशकों बाद अब उनकी सरकार इन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रही है, ठीक कर रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर नेताजी की ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी।
बता दें कि इस होलोग्राम प्रतिमा को 30 हजार लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जा रहा है। एक अदृश्य, हाई गेन, 90 प्रतिशत पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह लोगों को को नजर नहीं आएगी। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई गई है। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है।
इस अवसर पर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष से नेताजी के जन्मदिन को भारत 'पराक्रम दिवस' के रूप में मना रहा है और सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत से एक दिन पहले, यानी 23 जनवरी से करने का भी फैसला किया है।
उन्होंने इंडिया गेट पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह दिन, कालखंड और स्थान तीनों ही ऐतिहासिक है और इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की यह प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा, "नेताजी की ये प्रतिमा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को, हमारी पीढ़ियों को राष्ट्रीय कर्तव्य का बोध कराएगी। आने वाली और वर्तमान पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी।"
प्रधानमंत्री ने नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर ही सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार देने की जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार के विजन और नीतियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए उनकी सरकार ने राहत, बचाव एवं पुनर्वास को लेकर सुधारों पर बल दिया। तकनीक से लेकर योजना बनाने और उसके मैनेजमेंट तक सरकार ने सबसे बेस्ट तरीके को अपनाया। एनडीआरएफ को मजबूत करते हुए उसका आधुनिकीकरण और देशभर में विस्तार किया।
उन्होंने दावा किया कि इन सभी प्रयासों की वजह से भारत आपदाओं में भी ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में सफल हो पाया। उन्होंने इसके लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें सलाम भी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए 'सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार' भी प्रदान किए।
| Tweet![]() |