एमसीडी के स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानकों के अनुसार नहीं : सिसोदिया

Last Updated 05 Jul 2021 09:11:07 AM IST

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी यूडीआईएसई प्लस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के स्कूलों का पीटीआर (विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात) एमसीडी के खराब पीटीआर(विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात) की वजह से देश के औसत से अधिक है।


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली एमसीडी के लगभग 50 फीसदी स्कूलों में पीटीआर(विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात) शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मानकों के अनुसार नहीं है। दूसरी ओर, दिल्ली सरकार के 98 फीसदी स्कूलों में मानकों के अनुसार टीचर्स हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को स्कूल शिक्षा के लिए एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई प्लस) 2019-20 रिपोर्ट जारी करने की मंजूरी दी है।

रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली एमसीडी के स्कूलों की स्थिति उजागर की।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, '' अब तो केंद्र सरकार ने भी अपनी इस रिपोर्ट में मान लिया है कि भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी ने एमसीडी के स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया है। स्कूलों की इतनी बुरी हालत हो चुकी है कि दिल्ली एमसीडी के स्कूल आज देश के सबसे पिछड़े स्कूल बन चुके है। इससे दिल्ली की छवि खराब हो रही है। शिक्षा को लेकर अपने नाकारापन और उदासीनता से एमसीडी ने अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है।''

उपमुख्यमंत्री ने रिपोर्ट के हवाले से बताया '' केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार के 98 फीसदी स्कूलों में आरटीई के मानकों के अनुसार पीटीआर है। लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 58 प्रतिशत स्कूलों, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 46 प्रतिशत स्कूलों व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 39 प्रतिशत स्कूलों में पीटीआर, आरटीई एक्ट के मानकों के अनुसार नहीं है। ''

उपमुख्यमंत्री ने कहा, '' एक ओर जहां दिल्ली सरकार के स्कूलों की बिल्डिंग्स को वल्र्डक्लास बनाया गया है, नए स्कूल बनाए जा रहे है,स्कूल सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस है, शिक्षकों की लगातार नियुक्तियां की जा रही है, बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नए-नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत की गईं, शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग दी जा रही है, उसके विपरीत भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को न तो टीचर्स उपलब्ध करवा पा रही है और न ही अपने स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया करवा पा रही है। ''

उपमुख्यमंत्री ने कहा, '' इस रिपोर्ट के बाद नगर निगम में भाजपा के नेताओं को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है। उन्हें शर्म आनी चाहिए कि 20 साल से एमसीडी की सत्ता में होने के बावजूद उन्होंने एमसीडी स्कूलों की शिक्षा का बेड़ागर्क कर दिया है। दिल्ली सरकार ने अपनी मेहनत से दिल्ली के स्कूलों को 98 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है लेकिन भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी के शिक्षा को लेकर उदासीन रवैये से ये पिछड़ता दिखता है।''
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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