दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, जब मामले बढ़ रहे थे तो क्यों नहीं जागे

Last Updated 20 Nov 2020 04:00:09 AM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा कि कोविड-19 की वजह से पिछले 18 दिनों में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, क्या वे उन्हें इसका जवाब दे पाएंगे कि जब शहर में मामले बढ़ रहे थे तो प्रशासन ने क्यों कदम नहीं उठाए।


दिल्ली उच्च न्यायालय

अदालत ने दिल्ली सरकार से स्थिति को बड़े चश्मे से देखने की सलाह दी है।
दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रrाण्यम प्रसाद की पीठ ने सवाल किया कि वह (दिल्ली सरकार) कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए अदालत के हस्तक्षेप का इंतजार क्यों करती रही, उसने कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए शादी समारोहों में अतिथियों की संख्या 50 तक सीमित क्यों नहीं की? पीठ ने पूछा कि आपने (दिल्ली सरकार) एक नवम्बर से ही यह देखना शुरू किया कि स्थिति किस ओर जा रही है, लेकिन जब हमने आपसे सवाल किया तो आप पलट गए।

जब शहर में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी तो स्पष्ट तौर पर कदम उठाने थे। आप तब क्यों नहीं जागे, जब आपने देखा कि स्थिति खराब हो रही है? हमें आपको 11 नवम्बर को नींद से जगाने की जरूरत क्यों पड़ी? आपने एक नवम्बर से 11 नवम्बर तक क्या किया? आपने फैसला लेने के लिए 18 दिन तक (18 नवम्बर तक) क्यों इंतजार किया? क्या आपको पता है कि इस बीच कितने लोगों की मौत हो गई।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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