दिल्ली में केजरीवाल के बाजार बंद करने के प्रस्ताव पर कारोबारियों ने जताई नाराजगी

Last Updated 18 Nov 2020 10:21:14 AM IST

दिल्ली के अधिकतर कारोबारियों ने केजरीवाल सरकार द्वारा बाजार में लॉकडाउन लागू करने की योजना पर मंगलवार को निराशा व्यक्त की।


कारोबारियों का कहना है कि उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है और वे पहले लॉकडाउन से हुए नुकसान से ही अबतक उबर नहीं पाए हैं।      

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोविड-19 के बढते मामलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से उन बाजारों में लॉकडाउन लागू करने का अधिकार देने की मांग की जो संक्रमण के केंद्र के रूप में उभर सकते हैं।      

सरोजनी नगर बाजार संघ के महासचिव अशोक रंधावा ने कहा, ‘‘सरकार हमसे बलि के बकरे जैसा व्यवहार कर रही है। हमने इस त्योहारी मौसम में नुकसान की कुछ भरपाई की है और सरकार फिर से बाजार बंद करने की धमकी दे रही है। हम कोविड-19 से बचने के लिए सामाजिक दूरी रखने और मास्क आदि इस्तेमाल करने जैसे एहतियाती कदमों का अनुपालन कर रहे हैं।’’      

नयी दिल्ली कारोबारी संघ के एक प्रतिनिधि, जिसके तहत कनॉट प्लेस भी आता है, ने कहा कि सभी बाजारों के लिए एक ही नियम नहीं लागू किया जा सकता। हालांकि, चांदनी चौक व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने सरकार के पक्ष का समर्थन किया।

कनफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि, दिल्ली में तेजी से फैल रही कोविड महामारी सबके लिए चिंता का विषय है और इसको रोकने के लिए व्यापारियों ने अनेक बार मुख्यमंत्री को अपने सहयोग की पेशकश भी की, किन्तु मुख्यमंत्री ने एक बार भी व्यापारियों से बात करना मुनासिब नहीं समझा। दिल्ली के व्यापारी सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, किन्तु दिल्ली में प्रत्येक बाजार के स्तर पर काम करना पड़ेगा और हवाई दावों से दिल्ली के लोगों का भला नहीं हो सकता।


कैट के मुताबिक दिल्ली में लगभग छोटे-बड़े 3,500 बाजार हैं और दिल्ली में लगभग 4 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठन हैं जिनमें लगभग 2000 पूरी तरह से सक्रिय हैं। दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 700 करोड़ रुपये का व्यापार होता है जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये का व्यापार अन्य राज्यों के लोगों को भेजे गए सामान के जरिये होता है। दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है। दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठनों की सहायता से कोविड के सुरक्षा नियमों का पालन करवाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए युद्ध स्तर पर एक ठोस योजना बनाने की जरूरत है। दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठन सरकार के साथ पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार भी हैं और उत्सुक भी।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया, कैट ने इस मुद्दे पर कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल एवं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को एक पत्र भेजकर कोई भी निर्णय लेने से पहले व्यापारियों से सलाह मशविरा करने का आग्रह किया। इस मामले पर केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, दिल्ली के व्यापारी उस निर्णय को मानेंगे।

उन्होंने कहा, कोविड के मुद्दे पर कैट ने गत सितम्बर, अगस्त, जुलाई, जून, अप्रैल एवं मार्च में अरविंद केजरीवाल को पत्र भेजकर व्यापारियों के सहयोग की पेशकश की थी और मिलने का समय भी मांगा, किन्तु केजरीवाल ने पत्र का उत्तर देना भी मुनासिब नहीं समझा।

उन्होंने कहा, बाजार बंद करना समस्या का हल नहीं है बल्कि बाजारों में सरकार के कोविड सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन किया जाए, यह ज्यादा जरूरी है। जहां तक व्यापारियों का सवाल है, प्रत्येक व्यापारी अपनी दुकान में सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन कर रहा है लेकिन जो लोग बाजारों में आ रहे हैं, वो सुरक्षा नियमों के पालन के प्रति लापरवाह हैं।

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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