फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी में बिल्डर गिरफ्तार
ग्रेटर नोएडा में राइन आवासीय टाउनिशप परियोजना में 36 महीनों में फ्लैट देने का झांसा देकर खरीदारों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने के आरोपी प्रिम्रोस इनफाट्रेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को आर्थिक अपराध शाखा ने पंचकुला से गिरफ्तार किया है।
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वर्ष 2018 में ईओडब्ल्यू में शिकायत होने के बाद कंपनी के सभी निदेशक फरार हो गए थे। शुरुआती जांच में पता चला कि खरीदारों से लिए गए पैसे को कंपनी निदेशक ने अपने रिश्तेदारों की कंपनी में ट्रांसफर कर दिया और अपनी मौज मस्ती पर खर्च किया। पुलिस गिरफ्तार निदेशक से पूछताछ कर रही है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2018 में राजेश गुप्ता सहित 22 शिकायतकर्ताओं ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत देकर बताया था कि प्रिम्रोस इनफाट्रेक प्राइवेट लिमिटेड व उसकी सहयोगी कंपनी रियलक्राफ्ट बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड की ओर से वर्ष 2012 में ग्रेटर नोएडा में राइन आवासीय टाउनिशप प्रस्तावित की गई थी।
इसके लिए रियलक्राफ्ट बिल्डटेक कंपनी ने बुकिंग शुरू कर 438 फ्लैट के लिए खरीदारों से 103 करोड़ रु पए जमा करा लिए, लेकिन कई साल तक फ्लैट न मिलने पर पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की। जांच में पता चला कि कंपनी के निदेशकों ने शुरू से ही बेइमानी नीयत से खरीदारों के सामने यह बात रखी कि संबंधित सरकार से परियोजना को विकसित करने के लिए आपेक्षित अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है, जबकि ग्रेटर नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भी बिल्डिंग प्लान को मंजूरी नहीं दी गई थी।
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