हवा चलने से दिल्ली में प्रदूषण में आई थोड़ी सी कमी
केंद्र सरकार की पूर्वानुमान एजेंसी के मुताबिक मंगलवार को हवा की दिशा बदलने की वजह से दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषकों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत पर आ गई।
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इसके बावजूद राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्र में हवा बेहद खराब श्रेणी में ही रही।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ के मुताबिक सोमवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3,068 घटनाएं दर्ज की गईं। एजेंसी ने बताया कि लंबे समय बाद मंगलवार को सतह के नजदीक की हवा की दिशा दक्षिण पश्चिम की तरफ हुई जो पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को दिल्ली तक पहुंचने में सहायक नहीं होती।
‘सफर’ ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण पीएम-2.5 में पराली जलाने की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय कमी आई है और मंगलवार को इसके 10 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। सफर ने कहा कि हवा की प्रतिकूल दिशा की वजह से पराली जलाने की अधिक संख्या के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर कम असर का यह उदाहरण है और यह दिखाता है कि कैसे मौसम इसमें निर्णायक भूमिका निभाता है।
एजेंसी के मुताबिक सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी जबकि रविवार को यह हिस्सेदारी 40 प्रतिशत थी जो इस मौसम में सबसे अधिक थी। ‘सफर’ के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार, शुक्रवार और बृहस्पतिवार को क्रमश : 32, 19 और 36 प्रतिशत रही। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल एक नवम्बर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी सबसे अधिक 44 प्रतिशत दर्ज की गई थी। ‘सफर’ का पूर्वानुमान है कि बुधवार और बृहस्पतिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आंशिक गिरावट दर्ज की जाएगी।
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