दिल्ली हाईकोर्ट: डिजिटल सुनवाई का लिंक सिर्फ वकीलों, जांच अधिकारी के लिये, मीडिया व अन्य पर रोक
दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये होने वाली सुनवाई का लिंक मीडिया या आम लोगों को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा और यह सिर्फ वकीलों और जांच अधिकारियों को दिया जाएगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय |
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी अधिवक्ता इन लिंक को वरिष्ठ अधिवक्ताओं या उनकी जगह पेश हो रहे वकील के अलावा किसी और से साझा नहीं करेगा।
न्यायाधीश ने अपने एक हालिया आदेश में कहा, ‘‘मैं रजिस्ट्री/कोर्ट मास्टर को यह निर्देश देता हूं कि वीडियो कॉन्फ्रेंस का लिंक संबंधित वकीलों, जांच अधिकारी, संबंधित पक्ष या फिर अदालत द्वारा कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए खास तौर पर निर्देशित व्यक्ति को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति या संवाददाता के साथ साझा नहीं किया जाए।’’
न्यायमूर्ति कैत ने यह निर्देश एक आपराधिक मामले में दिया जब कुछ ‘‘अज्ञात लोग’’ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई में शामिल हो गए और उन्हें लगातार बात करते हुए सुना जा सकता था।
आदेश में कहा गया, ‘‘मौजूदा मामले की सुनवाई के दौरान इस अदालत के समक्ष बेहद अप्रिय स्थिति बन गई जब कुछ अज्ञात लोग वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई में शामिल हो गए और उन्हें लगातार बात करते हुए सुना जा सकता था, जिससे वकीलों की दलीलें सुनने और न्याय के समुचित वितरण में बाधा आई।’’
उच्च न्यायालय ने 20 जून को कोविड-19 महामारी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हो रही सुनवाई को आम लोगों को देखने की इजाजत दी थी और इसका कार्यवाही में शामिल होने का लिंक उपलब्ध कराया जा रहा था।
उच्च न्यायालय में 25 मार्च से ही महामारी के कारण मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई हो रही है।
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