तब्लीगी जमात : ये लापरवाही कई देशों पर भारी!
इस्लामिक प्रचारक तब्लीगी जमात के सदस्यों को कई एशियाई देशों में कोरोना वायरस महामारी प्रतिबंध के बीच बड़ी धार्मिक सभाओं में हिस्सा लेकर प्रचार करते पाया गया है, जहां सैकड़ों लोग संक्रमित हुए हैं। इस समुदाय की यह लापरवाही कई देशों के लोगों पर भारी पड़ती दिख रही है।
मरकज में ठहरे कई लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण दिखने पर उन्हें जांच के लिए एलएनजेपी अस्पताल ले जाता प्रशासन। |
हर साल फरवरी और मार्च में दुनिया भर के दस लाख से अधिक इस्लामिक उपदेशक दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इस्लामिक प्रचार-प्रसार से संबंधित कार्यक्रमों के लिए आते हैं। चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर से दिसंबर में नोवेल कोरोना वायरस की शुरुआत होने के बाद इसके संक्रमण को रोकने के लिए कई देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगाए। हालांकि इस्लामाबाद के सूत्रों ने कहा कि तब्लीगी जमात अपने पूर्व नियोजित समारोहों के साथ आगे बढ़ा।
पाकिस्तानी मीडिया ने सोमवार को बताया कि हैदराबाद व सिंध में जमात के सदस्यों के बीच वायरस संबंधी सामुदायिक प्रसार के 36 मामलों का पता चला। कोरोना वायरस से हुई कम से कम दो मौतों को सीधे तौर पर जमात की रायविंड में हुई सभा से जोड़कर देखा गया है। ये मामले नूर मस्जिद से रिपोर्ट किए गए थे, जहां शुरू में लगभग 200 जमात सदस्यों को एकांतवास में रखा गया। इस समूह के 19 वर्षीय चीनी मूल के सदस्य के 27 मार्च को कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद सिंध में जमात के दूसरे सबसे बड़े केंद्र नूर मस्जिद को बंद कर दिया गया था। पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वे स्वात से रायविंड पहुंचे थे और फिर इस्लामिक समारोह के लिए हैदराबाद की नूर मस्जिद गए थे। वहां से वे इस्लामी शिक्षाओं के प्रचार के लिए सेहरिश नगर गए और अब मक्की मस्जिद में हैं।
भारत में मार्च के पहले सप्ताह में लगभग 250 विदेशी नागरिक तब्लीगी जमात द्वारा आयोजित एक धार्मिक मण्डली में शामिल होने के लिए नई दिल्ली के निजामुद्दीन पहुंचे। इस सभा में 1,700 से 1,800 भारतीय और विदेशी लोग शामिल हुए थे। इस बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह तब्लीग जमात के कार्यकर्ताओं की पहचान करने उन्हें अलग करने और क्वारेंटाइन करने को प्रतिबद्ध है।
मलयेशियाई मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में तब्लीगी जमात की सभा में ही देश में कोरोना के फैले कुल मामलों में से आधे से अधिक का पता लगाया गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि मलयेशिया में मण्डली में भाग लेने वाले इस्लामिक प्रचारकों ने ब्रुनेई और थाईलैंड में भी वायरस फैलाया था।
300 विदेशियों पर लगेगा बैन!
भारत सरकार उन करीब 300 विदेशी नागरिकों को प्रतिबंधित कर सकती है जो पर्यटक वीजा पर आने के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में एक इस्लामी संगठन के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। ये विदेशी नागरिक मलेशिया और थाईलैंड सहित 16 देशों से आए थे।
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